मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को लेकर बिहार की सियासत गर्माती जा रही है. दिनभर उन्हें सीएम पद से हटाए जाने की खबरें आती रहीं इसके बाद जेडीयू चीफ शरद यादव ने ये कहकर इन अटकलों को विराम लगा दिया कि मांझी को हटाना पार्टी के एजेंडे में नहीं है.
नीतीश कुमार को लालू यादव की हरी झंडी
हालांकि बाद में खबर आई कि शरद यादव ने शनिवार को पार्टी के विधायक दल की बैठक बुलाई है. इस घटनाक्रम ने एक बार फिर नीतीश कुमार की ताजपोशी के कयासों को हवा दे दी. इसके बाद सीएम मांझी ने जेडीयू अध्यक्ष पर ही सवाल उठा दिया. उनका कहना है कि शनिवार को शरद यादव ने जो मीटिंग बुलाई है, वह अवैध है.
उन्होंने कहा, 'विधायक दल की मीटिंग बुलाने का अधिकार मुख्यमंत्री के पास है और शरद यादव को इसका कोई हक नहीं.' इन सबके बीच मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा बयान जारी करके कहा गया है कि सीएम के इस्तीफे की खबर पुरी तरह से आधारहीन है और इसे खारिज किया जाता है.
दरअसल, बुधवार को जेडीयू के दो नेताओं के बयान के बाद मांझी की सियासी किस्मत को लेकर अटकलें शुरू हुई थीं. इशारों में केसी त्यागी ने कहा था कि लालू ने मांझी की विदाई को हरी झंडी दे दी है. इसके बाद बिहार के परिवहन मंत्री का बयान आया कि 15 फरवरी तक मांझी की कुर्सी छिन सकती है.
इससे पहले, बुधवार रात को शरद यादव और मांझी के बीच कई घंटों तक बातचीत हुई थी. इस बैठक में नीतीश की ताजपोशी को लेकर चर्चा हुई. शरद यादव चाहते हैं कि मांझी खुद अपने पद से इस्तीफा दें और नीतीश की ताजपोशी का प्रस्ताव रखें.
सूत्रों ने आज तक को बताया है कि मांझी ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है. मांझी चाहते हैं कि नीतीश खुद उनसे बात करके इस्तीफे की मांग करें. यहीं पर सारा पेच फंसा है और समाधान निकालने के लिए जेडीयू अध्यक्ष ने विधायक दल के नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसे मांझी ने अनौपचारिक बताया है.