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नीतीश बोले- शरद यादव ने मर्जी से छोड़ा पद, दूसरा मतलब न निकालें

जनता दरबार कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि नई सदस्यता के आधार पर नए अध्यक्ष चुने जाने तक वे इस पद पर बने रह सकते थे, लेकिन वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के रुप में काम नहीं करना चाहते थे. उनकी इच्छा थी कि इस दायित्व को किसी दूसरे को संभाल लेना चाहिए.

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्यकाल पूरा होने के पहले शरद यादव के स्थान पर खुद को जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने को लेकर उठे सवालों पर सफाई दी. उन्होंने सोमवार को कहा कि शरद यादव ने स्वेच्छा से पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ा है.

पार्टी में हमेशा अहम रहेंगे शरद यादव
मुख्यमंत्री आवास में जनता दरबार कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि नई सदस्यता के आधार पर नए अध्यक्ष चुने जाने तक वे इस पद पर बने रह सकते थे, लेकिन वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के रुप में काम नहीं करना चाहते थे. उनकी इच्छा थी कि इस दायित्व को किसी दूसरे को संभाल लेना चाहिए. यह उनका बडप्पन है और हमारी पार्टी में उनकी जो अहमियत रही है वह बरकरार रहेगी.

संगठन के कई पदों पर रहे हैं नीतीश
नीतीश ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन पार्टी का अंदरुनी मामला है. इसको लेकर कोई दूसरा मतलब निकालने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में उन पर जिम्मेदारी आई है. पहले भी पार्टी का काम करते रहे हैं, लेकिन पार्टी स्तर पर पद पर आसीन बहुत कम रहे हैं. बहुत पहले जननायक कर्पूरी ठाकुर ने युवा लोक दल की जिम्मेदारी सौंपी थी. 1988 में जनता पार्टी के बिहार इकाई का महासचिव बनाया गया. बाद में सांसद बनने पर संसदीय दल के उपनेता रहे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे. बाद में कुछ महीने के लिए समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व संभाला था.

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पहले पूरी करेंगे बिहार की जिम्मेदारी
उन्होंने कहा कि लेकिन एक ऐसी परिस्थिति आ गई और सबकी इच्छा थी कि इस दायित्व को निभाएं तो हमने स्वीकार किया है. इस नई जिम्मेदारी को भी निभाएंगे. नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसा नहीं कि इससे बिहार के किसी काम में बाधा आएगी. उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों ने जो जिम्मेदारी मुझे दी है, वह मेरी पहली प्राथमिकता है. पार्टी की जिम्मेवारी भी निभाते रहेंगे.

पीएम पद की उम्मीदवारी तो दूसरे लोग बताएंगे
साल 2014 के आम चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के बयान को लेकर नीतीश ने कहा कि वह एक विशेष संदर्भ में कही गई बात थी. उन्होंने कहा कि मैं उस सीट का कोई दावेदार नहीं हूं. हम बिहार में जो काम कर रहे हैं उसे जारी रखेंगे, लेकिन राष्ट्रीय स्तर के अहम मुद्दों पर अपनी राय रखना हमारा नैतिक और राजनीतिक कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि इस पद के लायक खुद को समझने का प्रश्न है तो कोई स्वयं अपने बारे में क्या बोलेगा. इस लायक तो दूसरे लोग समझेंगे .

90 दिन का इंतजार नहीं कर पाए नीतीश
दूसरी ओर बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने नीतीश को जेडीयू अध्यक्ष बनने की इतनी जल्दी क्या थी कि 90 दिन पहले ही शरद यादव का इस्तीफा ले लिया. बिहार के बाहर जेडीयू का कोई आधार नहीं है. फिर भी शरद यादव का आंसू भरा इस्तीफा ले लिया गया. क्या नीतीश 90 दिन इंतजार नहीं कर सकते थे.

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