सावन में बेलपत्र का अलग ही महत्व है. भगवान शिव पर बेलपत्र चढ़ाकर भक्त उनकी पूजा करते हैं. बिहार के छपरा में एक ऐसे शिवभक्त हैं जो बेलपत्र खाकर दो साल से जिंदा हैं. उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 12 वर्षों से अन्न ग्रहण नहीं किया है. इस शिवभक्त का नाम जयराम दास उर्फ बेलपतिया बाबा है.
बेलपतिया बाबा मां दक्षिणेश्वरी काली मंदिर पानापुर के रसौली गांव में रहते हैं. वह गांव के ही मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं. साथ ही वायुमंडल को शुद्ध करने के लिए लाल मिर्च से हवन करते हैं. बेलपतिया बाबा बेलपत्र, अकवन पत्र, दुभ का भुंगा खाकर अपना जीवन यापन करते हैं. वह भगवान भोलेनाथ के साथ मां काली के भी भक्त हैं और उनकी पूजा करते हैं.
बेलपतिया बाबा का कहना है कि लाल मिर्च से हवन महान संत विश्वामित्र जी ने भी किया था. सावन में इस तरह हवन करने पर भगवान भोलेनाथ खुश हो जाते हैं. वह पिछले 12 वर्षों से यह हवन करते आ रहे हैं. बाबा से भेंट करने के लिए दूरदराज से लोग दर्शन करने आते हैं और आशीर्वाद लेकर अपने घर जाते हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि बाबा से जो लोग भी अपना दुख प्रकट करते हैं, वो उनका दुख हर लेते हैं और लोग खुशी-खुशी अपने घर लौट जाते हैं. आसपास के इलाकों में बेलपतिया बाबा बहुत लोकप्रिय हैं और भक्त जमकर प्यार लुटाते हैं.