राजनीति में एक बार फिर जूता उछला है. जेडीयू के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य शिवानंद तिवारी ने कहा है कि जब सुशील मोदी ने बिहार विधानसभा में चारा घोटाले मामले में मेरा नाम लिया था तो मुझे काफी गुस्सा आया और मैंने सुशील मोदी को गाली देते हुए जूता लेकर मारने के लिए दौड़ा दिया था.
नीतीश तक पहुंची चारा घोटाले की आंच
पटना में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए जेडीयू के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि बहुत समय पहले की बात है उस समय मैं लालू प्रसाद यादव की पार्टी (आरजेडी) में था. विधानसभा का सत्र चल रहा है और जहां तक मुझे याद है बजट जो है आ रहा था और मुझसे किसी ने कहा कि बजट को जरा सा देखकर एक नोट बना दीजिये. मुझे में बजट सुनने की उत्सुकता थी तो मैंने मुख्यमंत्री ऑफिस में बैठा कर बजट सुनना प्रारंभ कर दिया. इस दौरान मैंने विधानसभा में सुशील मोदी को यह कहते हुए सुना कि हम लोग चारा घोटाले में मुकदमा नहीं करना चाहते थे शिवानंद तिवारी ने जबरन मुकदमा करवाया. यह बात सुनने के बाद मैं गुस्से से आग बबूला हो गया है और मैं हाउस की ओर दौड़ा. जैसे ही मैंने विधानसभा की ओर दौड़ा संयोगवश स्पीकर उठ चुके थे और सुशील मोदी ने जब मुझे देखा तो हंसने लगे और समझिए की एक तरह से हम उसको (सुशील मोदी को) गाली देते हुए बढ़े और वह पीछे से निकल कर भाग गया. अगर उस दिन सुशील मोदी हमारे सामने पड़ गए होते तो निश्चित ही हम उन्हें जूते से मार देते.
शिवानंद तिवारी ने कहा- कलयुगी बेटे हैं सुशील मोदी
उन्होंने सुशील मोदी को अवसरवादी और सिद्धांतहीन होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी ने राजनीतिक बदला लेने के लिए उनके पुत्र पर भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.
मैंने तो जनता का मूड बताया: सुशील मोदी
सुशील मोदी पर बिहार का मुख्यमंत्री बनने का सपना संजोने का आरोप लगाते हुए तिवारी ने कहा कि जब तक सरकार में शामिल थे तो यह पद उन्हें प्राप्त हो जाए इसके लिए वे नीतीश जी को ‘प्राईम मिनिस्टर मटेरियल’ बताते रहे. उन्होंने कहा कि अब जबकि जेडीयू ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया है तो सुशील मोदी अपने बेहतर राजनीतिक भविष्य के लिए नरेंद्र मोदी का विश्वास जीतने में लगे हुए हैं.