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कौन हैं श्याम रजक? जिन पर तेज प्रताप ने लगाया है गाली देने का आरोप

राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अधिवेशन में पहले ही दिन हंगामा हो गया. तेज प्रताप यादव अधिवेशन के बीच में ही बाहर निकल आए और श्याम रजक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. श्याम रजक का नाम इस विवाद के कारण चर्चा में आ गया है. श्याम रजक आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव हैं और पटना की फुलवारी शरीफ सीट से लगातार 6 बार के विधायक भी. 

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श्याम रजक (फाइल फोटो)
श्याम रजक (फाइल फोटो)

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिहार के सत्ताधारी महागठबंधन के सबसे बड़े घटक दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का राष्ट्रीय अधिवेशन चल रहा है. लालू यादव के किडनी ट्रांसप्लांट के लिए सिंगापुर जाने से पहले हो रहे ये अधिवेशन पहले ही दिन विवादों की वजह से चर्चा में आ गया और चर्चा में आ गए आरजेडी के नेता श्याम रजक. लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव मीटिंग से तमतमाए हुए बाहर निकल आए और श्याम रजक पर बहन की गाली देने का आरोप लगा दिया.

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तेज प्रताप ने श्याम रजक को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एजेंट बताते हुए यहां तक कह दिया कि ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर निकाल दिया जाना चाहिए. तेज प्रताप के आरोप पर चुप्पी साध ली है लेकिन ये घटनाक्रम सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है और अचानक ही श्याम रजक का नाम विवादों की वजह से चर्चा में आ गया है.

लालू और तेजस्वी के करीबी हैं श्याम रजक

श्याम रजक की गिनती बिहार के कद्दावर नेताओं में की जाती है. वे इस समय आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव हैं. श्याम रजक की गिनती उन नेताओं में होती है जो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के साथ ही तेजस्वी यादव के भी करीबी माने जाते हैं. बिहार की सियासत के बड़े दलित चेहरे 68 साल के श्याम रजक पटना की फुलवारी शरीफ विधानसभा सीट से लगातार छह बार के विधायक हैं.

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1995 में पहली बार बने थे विधायक

श्याम रजक साल 1995 में आरजेडी के टिकट पर पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे. श्याम रजक ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार छह बार विधायक निर्वाचित हुए. श्याम रजक साल 2019 से 2020 तक नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार में उद्योग मंत्री रहे. श्याम रजक तब आरजेडी नहीं, नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू से विधायक थे. श्याम रजक ने बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जेडीयू से बगावत कर दी थी.

नीतीश ने जेडीयू से निकाला तब आरजेडी में लौटे थे श्याम

श्याम रजक ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री रहते हुए पद से इस्तीफे की धमकी दी थी. जेडीयू ने इसके बाद श्याम रजक को पार्टी से निकाल दिया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्याम रजक को मंत्री पद से भी बर्खास्त कर दिया था. नीतीश कुमार की इस कार्रवाई के बाद श्याम रजक ने घर वापसी की और अपनी पुरानी पार्टी आरजेडी में शामिल हो गए थे.

श्याम रजक को खुद तेजस्वी यादव ने आरजेडी में शामिल कराया था और उन्हें संगठन में भी अहम जिम्मेदारी दी थी. श्याम रजक को आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव जैसी अहम जिम्मेदारी सौंपी गई. अब, जबकि श्याम रजक के खिलाफ तेजप्रताप यादव ने गाली देने का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया है, उनके आरजेडी में भविष्य को लेकर भी अटकलों का दौर शुरू हो गया है.

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क्या है विवाद

आरजेडी के राष्ट्रीय अधिवेशन के पहले दिन लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव तमतमाए हुए बीच में ही बाहर निकल आए. बैठक से बीच में ही निकल आने को लेकर सवाल पर तेज प्रताप ने कहा था कि यहां कोई गाली सुनने नहीं आया है. उन्होंने श्याम रजक पर गाली देने, अपने पीए और अन्य स्टाफ से भी गाली-गलौज किए जाने का आरोप लगाया था.

तेज प्रताप के आरोप पर श्याम रजक ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि वे (तेज प्रताप यादव) शक्तिशाली हैं और मैं एक दलित व्यक्ति हूं. इस घटनाक्रम के बाद श्याम रजक की तबीयत भी बिगड़ गई थी. श्याम रजक को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाना पड़ा था जहां उनसे मिलने तेजस्वी यादव भी पहुंचे थे.

 

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