केंद्र सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के परमाणु ऊर्जा आयोग (एईसी) ने बिहार में परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए जल्द एक स्थान के नाम पर अंतिम रूप से मुहर लगाने की उम्मीद जताई.
परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष रतन कुमार सिन्हा ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘बिहार में एक परमाणु ऊर्जा घर स्थापित करने के लिए नवादा जिले के रजौली सहित तीन-चार स्थानों की जमीन पर विचार चल रहा है. जल्द ही हम किसी स्थान के बारे में अंतिम रूप से घोषणा करने की स्थिति में होंगे. रजौली में फिर से विचार हो रहा है. रजौली में पूर्व में प्रस्ताव दिया गया था लेकिन जल उपलब्धता की समस्या थी. एक बार फिर न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) ने कहा है कि राज्य सरकार ने जल उपलब्धता का आश्वासन दिया है.’
उन्होंने कहा, ‘रजौली के बारे में बात चल रही है. उसे रिजेक्ट नहीं किया गया है. परमाणु ऊर्जा विभाग और पर्यावरण मंत्रालय की स्टैंडिंग साइट सलेक्शन कमेटी की ओर से सहमति के बाद ही परमाणु रिएक्टर के लिए स्थान पक्का होगा.’ उल्लेखनीय है कि रजौली में केंद्र सरकार ने 2800 मेगावाट की क्षमता का एक परमाणु बिजलीघर स्थापित करने का 2007 में प्रस्ताव दिया था, लेकिन पानी की उपलब्धता में राज्य सरकार द्वारा कथित तौर पर असमर्थता दिखाने के कारण यह प्रस्ताव अनिश्चितता के दौर में था.
सिन्हा ने कहा कि कमेटी के सर्वेक्षण के बाद स्थान को विकसित करने में दो साल का समय लग जाता है. अंतिम रूप से चयन में जमीन, जल की उपलब्धता, भूकंपीय संवेदनशीलता (सिस्मिक एक्टिविटी) और टेक्टोनिक एक्टिवटी (धरती के भीतर की गतिविधि)को भी ध्यान में रखा जाता है.