सीवान जिला प्रशासन ने नीतीश सरकार को एक रिपोर्ट भेजकर कहा है कि आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को वापस जेल भेजा जाए. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बाहबुली नेता शहाबुद्दीन के जमानत पर रिहा होने के बाद से आम लोग डर के साए में जी रहे हैं इसलिए उन्हें वापस जेल भेजा जाना चाहिए.
रिपोर्ट में शहाबुद्दीन की रिहाई के बाद सीवान के हालात को आधार बनाया गया है. रिपोर्ट में प्रशासन ने कहा जब से शहाबुद्दीन जेल से बाहर आए हैं, तब से आम लोग खास तौर कारोबारी खौफ के साए में जी रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, शहाबुद्दीन के खौफ की वजह से बहुत सारे कारोबारियों ने अपनी दुकानें और ऑफिस ही नहीं खोले.
बिहार पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने आज तक को इस बात की पुष्टि की है कि नीतीश सरकार के आदेश पर शहाबुद्दीन को लेकर सरकार को डेली रिपोर्ट भेजी जा रही है.
बीजेपी की मांग- CCA लगाकर शहाबुद्दीन को दोबारा जेल भेजो
नीतीश सरकार पर शहाबुद्दीन पर क्राइम कंट्रोल एक्ट लगाकर दोबारा जेल भेजने का भी जबरदस्त दबाव है. बीजेपी नेताओं ने मांग की है कि शहाबुद्दीन पर क्राइम कंट्रोल एक्ट लगाकर उन्हें दोबारा जेल भेजा जाना
चाहिए. बीजेपी ने बिहार सरकार से शहाबुद्दीन की जमानत रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की भी मांग की है.
शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ SC में अपील करेंगे चंद्रकेश्वर प्रसाद
राजीव रोशन के पिता चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण से संपर्क साधने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ अपील करने वाले हैं. गैंगस्टर से नेता बने शहाबुद्दीन ने
प्रसाद के चार में से तीन बेटों की कथित तौर पर हत्या कर दी थी. चंदा बाबू ने बताया कि वकालतनामा चला गया है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में जमानत को चुनौती देने के लिए कुछ और कागजात भेजे जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन को फांसी की सजा होनी चाहिए.