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बिना सबूत UP के इंस्पेक्टर को गिरफ्तार करने पर पटना SP ने सौंपी रिपोर्ट

पटना में घूसखोरी के मामले में इंस्पेक्टर को गिरफ्तार करने के मामले में एसपी शिवदीप लांडे घिरते नजर आ रहे हैं. आरोपी इंस्पेक्टर के खिलाफ सबूत ने मिलने पर उसे रिहा कर दिया है. पटना एसपी ने बिना सबूत इंस्पेक्टर सर्वचंद्र को गिरफ्तार करने के मामले में एसएसपी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.

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पटना में घूसखोरी के मामले में इंस्पेक्टर को गिरफ्तार करने के मामले में एसपी शिवदीप लांडे घिरते नजर आ रहे हैं. आरोपी इंस्पेक्टर के खिलाफ सबूत ने मिलने पर उसे रिहा कर दिया है. पटना एसपी ने बिना सबूत इंस्पेक्टर सर्वचंद्र को गिरफ्तार करने के मामले में एसएसपी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.

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एसपी लांडे ने एसएसपी को दी रिपोर्ट में कहा कि इंस्पेक्टर को गिरफ्तार करते वक्त मैं सर्वचंद्र की वर्दी नहीं देख पाया था. इंस्पेक्टर से पहचान पूछने पर उसने बताने से इंकार किया, जिसके चलते उस पर कार्रवाई की गई. एसपी लांडे ने भेष बदलकर इंस्पेक्टर सर्वचंद्र को पकड़ा था, दरअसल वो उत्तर प्रदेश पुलिस के इंस्पेक्टर हैं. ऐसे में कार्रवाई करने का अधिकार पटना के सिटी एसपी को नहीं था. इसके अलावा सबूतों के अभाव में इंस्पेक्टर सर्वचंद्र को रिहा कर दिया गया.

दरअसल, पंकज और उसके भाई दीपक का आरोप है कि पुलिसकर्मी सर्वचंद उनसे घूस मांग रहा था. उन्होंने इसकी जानकारी एसपी लांडे को दी थी. इसके बाद पटना से सिटी एसपी ने शिकायतकर्ताओं के साथ मिलकर तथाकथित घुसखोर पुलिसकर्मी रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई. जिसे अंजाम दे दिया गया.

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रविवार सुबह 6 बजे इन दोनों युवकों ने कॉल करके उस पुलिसकर्मी डाकबंगला चौराहे पर बुलाया. इसी दौरान पहले से वहां भेष बदलकर खड़े पटना के सिटी एसपी शिवदीप लांडे और उनकी टीम ने उस वर्दी वाले को दबोच लिया. हालात ये थे कि पटना पुलिस की जिप्सी पर तैनात पुलिस वाले भी अपने सिटी एसपी को नहीं पहचान पाए.

क्या है मामला?
पंकज और उसके भाई दीपक पटना के बुद्ध मार्ग में अपनी एक स्टेशनरी की दुकान चलाते थे. 2012 में उनकी दुकान से एक सिम कार्ड बेचा गया था. इस सिम से यूपी के मुरादाबाद में कोई क्राइम हुआ था, जिसकी जांच करने 2012 में मुरादाबाद पुलिस की टीम पटना आई थी, पंकज और दीपक से पूछताछ हुई थी. दोनों निर्दोष थे और दोनों को छोड़ दिया गया था.

2013 में भी यूपी पुलिस ने दोनों भाइयों से पूछताछ की थी, लेकिन इन्हें क्लीन चिट दे दी गई. इसके बाद फिर 2 जनवरी 2015 को मुरादाबाद क्राइम ब्रांच की टीम इंस्पेक्टर सर्व चंद्र के नेतृत्व में पटना आई, दोनों भाइयो से पूछताछ की, लेकिन इंस्पेक्टर सर्वचंद्र ने कहा की मामले को रफा-दफा करना है तो 10 हजार रुपये दो, नहीं तो टांग कर यूपी ले जाएंगे. दोनो भाइयों ने पूरी बात पटना के सिटी एसपी शिवदीप लांडे को बताई. उसके बाद आगे का प्लान तय हुआ.

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