बिहार बोर्ड के इंटरमीडिएट के नतीजे 3 दिन पहले घोषित किए गए जिसमें तकरीबन 47 फीसदी छात्र फेल हो गए और नतीजों की घोषणा के बाद से ही लगातार पटना और अन्य जिलों में छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है. नतीजों को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि उनके मार्कशीट में काफी गड़बड़ियां हैं जिसकी वजह से उन्हें परीक्षा में फेल दिखा दिया गया है. छात्रों का आरोप है कि बिहार बोर्ड ने हमेशा की तरह इस बार भी उत्तर पुस्तिका ठीक से जांच नहीं की है जिसकी वजह से कई छात्रों को फेल कर दिया गया है.
परीक्षा देने वाले छात्र को दिखाया अनुपस्थित
साक्षी सिंह ने कैमूर से आर्ट्स विषय से इंटर की परीक्षा दी थी मगर चौंकाने वाली बात है कि जब उनका नतीजा आया तो उन्हें पूरे परीक्षा से अनुपस्थित दिखा दिया गया. यानी परीक्षा में बैठने के बावजूद भी बिहार बोर्ड ने साक्षी सिंह को अनुपस्थित करार दे दिया, इसी वजह से वह काफी परेशान है और पिछले 3 दिनों से बोर्ड दफ्तर के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं.
प्रकाश कुमार नाम के छात्र ने समस्तीपुर से विज्ञान संकाय से इंटरमीडिएट की परीक्षा दी थी मगर साक्षी सिंह की तरह इन्हें भी पूरी परीक्षा से अनुपस्थित दिखा दिया गया है. प्रकाश कुमार भी पिछले 3 दिनों से बिहार बोर्ड के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं मगर कोई इनकी सुनने वाला नहीं है.
थ्योरी में नहीं मिला एक भी नंबर
विमलेश कुमार नाम के छात्र की समस्या भी काफी अनूठी है. इन्होंने भी विज्ञान संकाय से इंटरमीडिएट की परीक्षा दी थी और फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी की परीक्षा में बैठे थे. बिहार बोर्ड ने इस बार परीक्षा का प्रारूप बदला था जिसकी वजह से छात्रों को एक ही परीक्षा में थ्योरी के साथ ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के भी जवाब देने थे मगर विमलेश को बोर्ड ने फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के ऑब्जेक्टिव में नंबर दिए हैं मगर थ्योरी में किसी भी विषय में नंबर ही नहीं दिया.
छात्रा को मिले 25 में 32 नंबर
वैशाली की छात्रा उममे अमारा को हिंदी के ऑब्जेक्टिव में 25 में से 0 नंबर दिया गया है और थ्योरी में 25 नंबर में 32 नंबर दिया गया है. इसी प्रकार उसे अंग्रेजी में भी 25 नंबर में शून्य दिया गया है ऑब्जेक्टिव में थ्योरी में 25 पर 37 नंबर दिया गया है. वैशाली के ही आशुतोष कुमार ने विज्ञान संकाय से फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ की परीक्षा दी मगर इसे बायलॉजी में फेल दिखाकर परीक्षा में अनुत्तीर्ण दिखा दिया गया. गौरतलब है कि बायलॉजी तो आशुतोष कुमार का विषय ही नहीं था.
वैशाली के चंदन कुमार चौधरी भी विज्ञान संकाय से इंटरमीडिएट की परीक्षा में बैठे थे. 6 जून को जब उनका नतीजा आया तो उन्होंने इंटरनेट पर अपने नतीजे को चेक किया तो उसमें पास पाया मगर 2 दिन बाद जब वह फिर से इंटरनेट पर अपने नतीजे को देखा तो उसमें वह फेल हैं.
चेयरमैन ने ज्यादा नंबर को बताया अफवाह
ऐसी कई प्रकार की गड़बड़ियों को लेकर पूरे बिहार में इंटरमीडिएट के छात्र आक्रोशित हैं, लेकिन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के चेयरमैन आनंद किशोर का मानना है कि किसी विषय में किसी को फुल नंबर से ज्यादा नंबर प्राप्त हुए हैं इस बात की बिल्कुल भी संभावना नहीं है. आनंद किशोर ने छात्रों के अभिभावकों से अपील की कि वह इस प्रकार की किसी भी अफवाह से बचें.