बिहार में चमकी बुखार ने ऐसा हाहाकार मचाया है, जिससे सुप्रीम कोर्ट भी परेशान है. सोमवार को इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसके बाद अदालत ने केंद्र और बिहार सरकार से दस दिन में जवाब मांगा है. सुनवाई के दौरान अदालत ने ऐसी टिप्पणी की, जिसपर हर किसी का ध्यान गया. अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने कई ऐसी रिपोर्ट पढ़ी हैं, जहां पर बताया गया है कि कुछ गांव ऐसे हैं जहां ऐसी स्थिति बन रही है कि वहां एक भी बच्चा तंदरूस्त ना बचे.
सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान केंद्र सरकार और बिहार सरकार से हलफनामा दायर करने को कहा है. जिसमें तीन अहम मुद्दों पर जवाब देने को कहा गया है. ये तीन मुद्दे हैं...
1. स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था
2. पोषण के इंतजाम
3. अस्पतालओं साफ-सफाई
अदालत की तरफ से दोनों सरकार से चमकी बुखार के मुद्दे पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. गौरतलब है कि अभी तक इस बुखार की वजह से बिहार में 152 मौतें हो गई हैं, इनमें सबसे ज्यादा मुजफ्फरपुर में ही है. ऐसे में बिहार में मेडिकल इमरजेंसी जैसे हालात हैं.
गौरतलब है कि बिहार के अस्पतालों की कई ऐसी तस्वीरें सामने आई थीं जहां पर एक-एक बिस्तर पर तीन-तीन बच्चे इलाज करवा रहे हैं. कुछ अस्पतालों में गंदगी भी काफी ज्यादा थी.
लगातार हो रही बच्चों की मौत के कारण बिहार की सरकार हर किसी के निशाने पर है. इस मुद्दे को विपक्ष की कुछ पार्टियों ने संसद में भी उठाया, जिसपर सरकार की ओर से जवाब दिया गया. केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने भी ट्वीट कर कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इस मुद्दे पर करीबी से नजर बनाए हुए हैं.
हर्षवर्धन की तरफ से ट्वीट किया गया था कि प्रधानमंत्री मोदी के कहने पर ही वह बिहार गए थे, इसके अलावा उनकी अगुवाई में केंद्र लगातार राज्य सरकार की मदद कर रहा है.