बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर करारा हमला बोला है. सुशील ने यह भी सवाल खड़े किए हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश हैं या तेजस्वी. मामला सीबीआई के कंसेंट (अनुमति) वापस लेने से जुड़ा है. इसपर सुशील मोदी ने जमकर महागठबंधन सरकार पर कटाक्ष किया है. यह भी कहा है कि आखिर बकरे की अम्मा कब तक खैर मनायेगी.
गया में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मीडिया में आया है कि बिहार में महागठबंधन सरकार सीबीआई का कंसेंट वापस ले रही है. यानि किसी मामले की जांच नए सिरे से बिहार में करनी है, तो राज्य सरकार की अनुमति के बिना सीबीआई जांच नहीं कर सकेगी.
मोदी ने कहा कि एक होता है जनरल कंसेंट जिसमें सीबीआई को पूछने की जरूरत नहीं होती है. कोई भी मामले की जांच की जा सकती है. वहीं अब सिलेक्टिव कंसेंट यानि राज्य सरकार ने कंसेंट वापस ले लिया. अब राज्य सरकार ने अनुमति वापस ली ली. ऐसे में हर मामले के लिए हमारे (सरकार) पास आना पड़ेगा. हम अनुमति देंगे तो उसी मामले की सीबीआई जांच होगी. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार लालू-तेजस्वी के दबाव में है. यही कारण है कि सीबीआई को दिया जनरल कंसेंट था, उस अनुमति को वापस ले रही है.
उन्होंने कहा कि अब कोई नए मामले की जांच बगैर अनुमति के नहीं हो सकती है. कहा कि भ्रष्टाचार को दबाना चाहते हैं, तभी तो सरकार की अनुमति के बिना सीबीआई जांच नहीं कर सकती है.
नीतीश तेजस्वी-लालू को मानते हैं सीएम- सुशील मोदी
सुशील मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दबाव में हैं और निर्णय नहीं ले सकते हैं. सुशील मोदी ने कहा कि वैसे भी तेजस्वी-लालू को ही वे मुख्यमंत्री मानते हैं. महागठबंधन सरकार जब सीबीआई का कंसेंट वापस ले रही है, तो बिहार सरकार हाई कोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में भी पिटिशन दे दे कि लालू तेजस्वी के ऊपर जो भी मामले हैं वह फर्जी हैं, लोग निर्दोष हैं, और जांच की कोई आवश्यकता नहीं है. सारे मामले को वापस ले लिया जाएं.
बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि फिर भी हम आज भी कहते हैं कि बकरे की अम्मा कब तक खैर मनायेगी. अब यह हालत है कि सीबीआई का कंसेंट वापस लिया जा रहा है. सुशील ने आगे कहा कि वास्तविक मुख्यमंत्री कौन हैं यह साफ नहीं है. लालू को लगता है कि 118 विधायक उनके साथ हैं तो इधर नीतीश को लगता है कि वह मुख्यमंत्री हैं.