भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की केंद्रीय चुनाव समिति ने बिहार में होने वाले आगामी राज्यसभा उपचुनाव-2020 के लिए सुशील कुमार मोदी को उम्मीदवार बनाया है. यह जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने दी है.
ये सीट रामविलास पासवान के निधन के बाद खाली हुई थी. हाल ही में एलजेपी के बिहार चुनाव में अलग लड़ने के बाद बीजेपी ने उसे साइड लाइन कर दिया है. अगर ऐसा नहीं होता तो ये सीट एलजेपी के खाते में जानी चाहिए थी.
इधर, बीजेपी सुशील कुमार मोदी का कद बढ़ाने की तैयारी में है. सुशील मोदी अब राज्यसभा के रास्ते केंद्र में जा सकते हैं, जहां उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने की चर्चाएं हैं. बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव-2020 में एनडीए सरकार बनने के बाद सुशील मोदी की डिप्टी सीएम के पद से छुट्टी हो गई थी. इसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी उन्हें केंद्र में सेट करना चाहती है.
1990 में सक्रिय राजनीति में आए
सुशील मोदी 1990 में सक्रिय राजनीति में आए और पटना सेंट्रल विधानसभा सीट से चुने गए. 1995 और 2000 में भी वे विधानसभा पहुंचे. 1996 से 2004 के बीच वे बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे. पटना हाई कोर्ट में उन्होंने लालू प्रसाद के खिलाफ जनहित याचिका डाली जिसका खुलासा चर्चित चारा घोटाले के रूप में हुआ था. 2004 में सुशील मोदी ने लोकसभा का चुनाव लड़ा और भागलपुर से विजयी रहे.
सुशील मोदी बीजेपी का सबसे बड़े चेहरा रहे
2005 में बिहार चुनावों में एनडीए को बहुमत मिला. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने तो सुशील मोदी को उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली. साथ में वित्त मंत्रालय और कई अन्य विभागों की जिम्मेदारी संभाली थी. 2010 में एनडीए की फिर जीत हुई और नीतीश सरकार में सुशील मोदी फिर उपमुख्यमंत्री बने. वित्त मंत्री के रूप में जुलाई 2011 में सुशील मोदी को GST पर बनी राज्यों के वित्त मंत्रियों की समिति का चेयरमैन बनाया गया था. वहीं, 2020 के चुनाव में भी सुशील मोदी बीजेपी का सबसे बड़े चेहरा रहे. बीजेपी इस बार बड़े भाई की भूमिका है. जेडीयू इस बार 43 सीटों पर जीती है जबकि बीजेपी को 74 सीटें मिली हैं.