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सुशील मोदी बोले- शहाबुद्दीन की पत्नी को टिकट देना चाहते थे नीतीश

'आज तक' से खास बातचीत में राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा, 'जब शहाबुद्दीन के जमानत को रद्द करने को लेकर प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी, तो सरकार की याचिका का कोई औचित्य नहीं है.'

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सुशील कुमार मोदी
सुशील कुमार मोदी

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आरजेडी के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की जमानत को रद्द करने के मामले पर बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस ओर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार सरकार के इस याचिका का अब कोई औचित्य ही नहीं रह गया. यही नहीं, उन्होंने खुलासा किया कि नीतीश एक समय शहाबुद्दीन की पत्नी को टिकट देना चाहते थे.

'आज तक' से खास बातचीत में राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा, 'जब शहाबुद्दीन के जमानत को रद्द करने को लेकर प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी, तो सरकार की याचिका का कोई औचित्य नहीं है.' सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार से सवाल किया कि सरकार किस बात का इंतजार कर रही थी. सरकार ने पहले जमानत रद्द करने को लेकर याचिका दाखिल क्यों नहीं की.

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पढ़ें, सुशील मोदी से बातचीत के प्रमुख अंश-

- जब फजीहत होने लगी तो विपक्ष के दवाब में आकर सरकार सुप्रीम कोर्ट तो गई, लेकिन विलंब से. प्रशांत भूषण के याचिका दायर करने के बाद दूसरे याचिका का कोई मतलब नहीं रह जाता.

- मोदी ने कहा कि तीन साल के अंदर शहाबुद्दीन को कई मामलों में जमानत मिली है, तो उन जमानत के खिलाफ आज तक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल क्यों नहीं की?

- नीतीश कुमार को शहाबुद्दीन से कोई परहेज नहीं है. जब बिहार में एनडीए की सरकार थी तो नीतीश कुमार शहाबुद्दीन की पत्नी को सीवान से टिकट देना चाहते थे, लेकिन बीजेपी के विरोध करने पर नीतीश कुमार ने शहाबुद्दीन के पत्नी को टिकट नहीं दिया.

- नीतीश कुमार को शहाबुद्दीन से सिर्फ इस बात को लेकर चिढ़ है कि उसने लालू प्रसाद को नेता माना, नीतीश कुमार को नहीं. अगर शहाबुद्दीन आज भी नीतीश कुमार को अपना नेता मान ले तो नीतीश कुमार का गुस्सा शांत हो जाएगा.

- शहाबुद्दीन के साथ मो. कैफ जैसे कई शूटर हर रोज दिखाई दे रहे हैं. शहाबुद्दीन अपराधियों का सरगना है. सीवान के अधिवक्ता रघुवीर शरण, उनकी पत्नी और उनके बेटे के हत्या के आरोपी मो. गुड्डु की तस्वीर भी शहाबुद्दीन के साथ है. जब सरगना को ही सरकार का संरक्षण प्राप्त है तो छुटभैये अपराधियों की क्या बिसात है.

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- लालू ने आज तक शहाबुद्दीन को पार्टी से नहीं निकाला और आज भी वो कार्यकारिणी का सदस्य है.

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