बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि तेजस्वी यादव के इस्तीफा देने से इंकार करने के बाद अब नीतीश कुमार के पास एक ही विकल्प बचा है कि वे तेजस्वी यादव को अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दें. भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात नीतीश कुमार करते थें. उन्होंने कहा था 'मेरे कैबिनेट में कोई दागी नहीं रह सकता है. बिहार में या तो मैं रहूंगा या भ्रष्टाचारी.'
नैतिकता के आधार पर गैसल रेल दुर्घटना और लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया था. मोदी ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि 'क्या इस वार भी वे नैतिकता के आधार पर फैसला लेंगे और तेजस्वी को बर्खास्त करने की हिम्मत दिखायेंगे?'
बता दें कि सोमवार को पटना में हुई आरजेडी के विधायक दल की बैठक हुई थी. इसके बाद ये बात सामने आई कि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफे का सवाल ही नहीं पैदा होता है. पूरी पार्टी तेजस्वी यादव के पीछे चट्टानी एकता के साथ खड़ी है.
सुशील मोदी ने जेडीयू के नेता शरद यादव को निशाने पर लिया. कहा कि केन्द्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई को महागठबंधन तोड़ने की साजिश बताने वाले शरद यादव कुछ भूल रहे हैं. मोदी ने 2008 में ललन सिंह के साथ तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ज्ञापन की याद दिलाई. उन्होंने बताया कि तब शरद यादव ने रेलवे के दो होटल के बदले डिलाइट कम्पनी को पटना में 3 एकड़ जमीन दिलवाने का आरोप में लालू प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
मोदी ने अपने बयान में बताया कि सोमवार की बैठक में आरजेडी नेताओं ने तेजस्वी यादव के कार्यों की प्रशंसा की. वे उन नेताओं से यह भी पुछते हैं कि क्या वे लोग तेजस्वी की वाहवाही इसलिए भी करेंगे कि इतनी कम उम्र में वह 750 करोड़ रुपए के मॉल के मालिक है. साथ ही दिल्ली में करोड़ों के बंगले और हजार करोड़ की बेनामी सम्पति के मालिक है.
मोदी ने कहा कि जिस पार्टी ने अपराध के अनेक संगीन मामलों में सजायफ्ता होने के बावजूद शहाबुद्दीन जैसे दुर्दांत को अपनी पार्टी में बना कर रखा है. उस पार्टी से भ्रष्टाचार के मामले में सजायफ्ता लालू प्रसाद और उनकी पार्टी से तेजस्वी के इस्तीफे की अपेक्षा करना बेकार है.