पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने बिहार सरकार पर आरोप लगाया है कि वह गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले बीपीएल परिवारों को मुफ्त में बिजली कनेक्शन देने में अन्य राज्यों की तुलना में सबसे पीछे खड़ा है.
मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक बीपीएल परिवार को ₹3000 अनुदान देने के बावजूद बिहार में 83 लाख बीपीएल परिवारों में से मात्र 15 लाख को ही अब तक बिजली कनेक्शन दिया जा सका है.
सुशील मोदी ने कहा कि एपीएल परिवारों को भी निश्चय योजना के तहत बिजली कनेक्शन देने का राज्य सरकार ऐसा प्रचार कर रही है मानो वह बिजली मुफ्त में दे रही है जबकि सच्चाई यह है बिहार सरकार उनसे किश्तों में राशि वसूल करेगी.
सुशील मोदी ने कहा, 'बिहार सरकार ग्रामीण विद्युतीकरण को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है जबकि इसकी पूरी राशि केंद्र सरकार खर्च कर रही है. इसमें 90 फीसदी अनुदान और 10 फीसजी लंबी अवधि की कर्ज है. वहीं दूसरी ओर बिहार सरकार यह झूठा दावा कर रही है 2017 तक बिहार पूर्ण विद्युतीकरण वाला देश का पहला राज्य होगा जबकि सच्चाई यह है जिस देश में 10 से ज्यादा राज्यों में ग्रामीण विद्युतीकरण का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया गया है जबकि बिहार के 16000 से ज्यादा गांव अभी तक गहन विद्युतीकरण से बचे हुए हैं.'
नीतीश सरकार को लताड़ते हुए सुशील मोदी ने कहा कि बिजली कंपनियों का बिहार पर 2624 करोड़ रुपये बकाया है के परिणाम स्वरूप NTPC की कांटी फैक्ट्री की एक इकाई को बार-बार बंद करना पड़ रहा है. मोदी ने कहा कि बिजली कंपनियों की रैंकिंग में दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी जहां देश में 17 नंबर पर आता है, वहीं उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी 25 नंबर पर है.