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अपनी बेनामी संपत्ति सरकार को सौंपने की घोषणा करें तेजस्वी: सुशील मोदी

तेजस्वी मजह 28 वर्ष की उम्र में ही 28 से ज्यादा बेनामी संपत्ति हासिल करने के आरोप में घिर चुके हैं. संभवतः तेजस्वी देश के अकेले ऐसे नेता हैं जिनकी इतनी संपत्ति जब्त हो चुकी है.

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सुशील मोदी
सुशील मोदी

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बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बयान जारी कर एक बार फिर तेजस्वी यादव पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि महज 28 वर्ष की उम्र में इतनी सारी संपत्ति के जब्त होने का रिकॉर्ड बनाने वाले तेजस्वी यादव को अपने पिता की छाया से बाहर आकर उन सभी बेनामी संपत्ति को सरकार को सौंपने की घोषणा करनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद पर तो 50 वर्ष की उम्र में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा लेकिन तेजस्वी ने अपने पिता के उस रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया. तेजस्वी मजह 28 वर्ष की उम्र में ही 28 से ज्यादा बेनामी संपत्ति हासिल करने के आरोप में घिर चुके हैं. संभवतः तेजस्वी देश के अकेले ऐसे नेता हैं जिनकी इतनी संपत्ति जब्त हो चुकी है.

मोदी ने कहा कि ईडी द्वारा जब्त संपत्ति के मामले को लेकर कोर्ट जाने की बात करने वाले तेजस्वी यादव अपनी कुर्सी गंवाने के एक साल बाद भी क्यों नहीं बता पा रहे हैं कि पटना की इस कीमती 3 एकड़ जमीन के मालिक वो कैसे बने?

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तेजस्वी पर हमला करते हुए मोदी ने कहा कि रेलमंत्री लालू प्रसाद की कृपा से क्रिकेट की आईपीएल टीम में एक्सट्रा प्लेयर के रूप में शामिल तेजस्वी ने कभी कोई मैच नहीं खेला, न ही क्रिकेट में ऐसी कोई शोहरत हासिल की, न पढ़ाई पूरी की और न ही कोई नौकरी- व्यवसाय किया फिर पटना में करोड़ों की 3 एकड़ जमीन के मालिक वो कैसे बन गए?

उन्होंने अपने बयान में कहा कि लालू प्रसाद यह दावा करते रहे हैं कि वे बहुत ही गरीब परिवार में पैदा हुए थे. ऐसे में जब तेजस्वी यादव को विरासत में कोई अकूत संपत्ति नहीं मिली तो फिर 28 वर्ष की उम्र में वो 28 से ज्यादा संपत्ति के मालिक कैसे बन गए? मोदी ने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या कारण है कि नोटबंदी के महज 4 दिन बाद डिलाइट मार्केटिंग का नाम बदलकर 'लारा प्रोजेक्ट' कर सरला गुप्ता व अन्य की जगह राबड़ी देवी और तेजस्वी इस कंपनी के निदेशक और करोड़ों की जमीन के मालिक बन गए?

सुशील मोदी ने कहा है कि तेजस्वी यादव को घोषणा करनी चाहिए कि उनको कानून की समझ नहीं थी और उनके पिता ने उन्हें अपने भ्रष्टाचार का साझीदार बनाकर फंसा दिया और अब वे अपनी तमाम बेनामी संपत्ति सरकार को वापस कर रहे हैं, ताकि सरकार वहां अस्पताल, स्कूल, अनाथालय आदि का निर्माण करा सके.

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