जीएसटी के तहत हो रही परेशानियों को देखते हुए बिहार सरकार ने एक नंवबर को व्यापारियों और उद्यमियों की बैठक बुलाई है. यह बैठक मुख्य तौर पर जीएसटी के अन्तर्गत संक्षिप्त विवरणी दाखिल करने वाले करदाताओं की अपेक्षित संख्या नहीं बढ़ने और नेटवर्क के तहत करदाताओं को आ रही दिक्कतों पर चर्चा के लिए बुलाई गई है. दोपहर 2 बजे से पटना में पुराना सचिवालय स्थित मुख्य सभाकक्ष में व्यापारिक और उद्यमी संगठनों के प्रतिनिधियों की एक बैठक होगी.
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि बैठक में राज्य भर के व्यापारिक और उद्यमी संगठनों के प्रतिनिधियों से जीएसटी नेटवर्क में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए सुझाव लिए जायेंगे. प्रत्येक अंचल से दो-दो प्रतिनिधियों को बुलाया गया है. हाल के दिनों में जीएसटी काउंसिल ने करदाताओं को काफी राहत दी है. हालांकि फिर भी कारोबारियों के बीच जीएसटी को लेकर असंतोष और संशय की स्थिति बरकरार है.
सुशील मोदी ने कहा कि कम्पोजिट स्कीम में शामिल व्यापारियों के कारोबार की सीमा को 75 लाख से बढ़ा कर जहां एक करोड़ कर दिया गया है वहीं डेढ़ करोड़ तक के टर्न ओवर पर मासिक की जगह त्रैमासिक विवरणी दाखिल करने की सिफारिश की गई है. मोदी ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद बिहार में जुलाई महीने में 1.27 लाख करदाताओं ने संक्षिप्त विवरणी 3बी दाखिल किया लेकिन अगस्त में सिर्फ 1.9 लाख ही जमा कर पाये. बैठक में प्रतिनिधियों से यह जानने की कोशिश की जायेगी कि उन्हें जीएसटी नेटवर्क के अन्तर्गत किस तरह की परेशानी आ रही हैं.