बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार ने दलितों से संबंधित कानून को मजबूत बनाया और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तत्काल पुनर्विचार याचिका दायर की, लेकिन बिहार में लालू प्रसाद की पार्टी ने तेल पिलायी लाठियों से लैस होकर दलितों को गुमराह किया और पूरे राज्य में उत्पात मचाया.
उन्होंने कहा कि इससे विभिन्न रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर फंसे लाखों लोगों को मुसीबत झेलनी पड़ी और तीन लोगों की जान चली गई. भारत बंद के दौरान हुई हिंसा पर चुप्पी साधने वाले लालू प्रसाद अब दुष्प्रचार की आग को गांवों तक फैलाने का संदेश जारी कर रहे हैं. जिस झूठ के सहारे देश के 14 राज्यों में आग लगी, उस पर रोटियां सेंकने की तैयारी हो रही है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि आपातकाल थोप कर संविधान की मूल भावना पर सबसे बड़ा आघात करने वाली कांग्रेस पार्टी की दावत उड़ाने वाले लोग संविधान की रक्षा का दम भर रहे हैं और जिन्होंने कुली-चपरासी की मामूली नौकरी दिलवाने के बदले गरीबों की कीमती लगाई, जमीन अपने परिवार के नाम लिखवाने में संकोच नहीं किया, वे दलितों को उनके हक की लड़ाई लड़ने का झांसा दे रहे हैं. बेनामी सम्पत्ति के आरोपों के बाद भी जो कुर्सी से चिपके रहे, वे दूसरों को क्या बेनकाब करेंगे?
मोदी ने कहा कि पूरा बिहार जानता है कि लोहिया-जेपी का नाम लेकर और समाजवाद का लबादा ओढ़कर 1000 करोड़ रुपये का चारा घोटाला किसने किया, रेलवे के होटलों के बदले जमीन किसने लिखवायी और गरीबों के नाम पर राजनीति कर अपने परिवार की सात पुश्तों के लिए अरबों रुपये की सम्पत्ति किसने जुटा ली?