चारा घोटाले के दूसरे मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को रांची की विशेष सीबीआई अदालत द्वारा 23 दिसंबर को दोषी करार दिया गया और उसके बाद उन्हें बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया. लालू पहली बार जेल नहीं गए थे, मगर एक बात तो तय थी कि जेल के अंदर लालू को वह सुख सुविधाएं नहीं मिल पाती जो उन्हें अपने पटना स्थित आवास 10, सर्कुलर रोड पर मिलती थी.
इसका भी इंतजाम तब हो गया जब लालू के जेल पहुंचने से पहले ही उनके दो सेवादार, लक्ष्मण और मदन खुद फर्जीवाड़ा करके पहुंच गए बिरसा मुंडा जेल की सलाखों के पीछे ताकि वह जेल में रहकर लालू की सेवा कर सके.
लालू के जेल पहुंचने से पहले उनके सेवादारों का जेल में प्रवेश करने को लेकर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बड़ा हमला किया है. मोदी ने लालू की तुलना मध्यकालीन चीन में उस राजा से की है, जिसकी मृत्यु होने के बाद उसके शव के साथ उसके जरूरी सामान और करीबी दास-दासियों को भी जिंदा दफनाने की कहानियां मिलती है.
मोदी ने कहा कि मध्यकालीन चीन के उस राजा की तर्ज पर सामंती सोच वाले लालू प्रसाद भी जेल जाने पर सेवकों को वहां बुलाने का इंतजाम कर पुरानी चीनी परंपरा की याद दिला रहे हैं. लालू पर तंज कसते हुए सुशील मोदी ने कहा कि लालू जैसे लोगों ने कफन में भी झोला बनवाने की तरकीब सोच रखी होगी.
मोदी ने कहा कि लालू ने हमेशा गरीबों को धोखा दिया है और उनके लिए ना तो सड़क, बिजली, पानी, पढ़ाई, लिखाई, दवाईया रोजी रोटी का इंतजाम किया मगर मगर दूसरी तरफ अपनी सात पीढ़ियों के लिए अकूत संपत्ति जुटाने के लिए घोटाले अवश्य किए. मोदी ने कहा कि लालू के शासन में चारा घोटाला, अलकतरा घोटाला और b.a. डिग्री घोटाला बिहार की बदनामी का कारण बना है.
मोदी का कहना था कि जेल में सजा काटने के लिए भी लालू को गरीब के बेटों की सेवा लेना पसंद है.