बीजेपी नेता सुशील मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जहां नीतीश ने एक निजी समाचार चैनल को केंद्र सरकार द्वारा 24 घंटे के लिए बैन करने के निर्णय को गलत ठहराया था और इस फैसले को आपातकाल की वापसी करार दिया था.
सोमवार को सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार जो विज्ञापनों के माध्यम से अखबारों को बिहार में नियंत्रित करते हैं और विपक्षी नेताओं को सरकार के खिलाफ आवाज उठाने पर मानहानि का दावा ठोकते हैं, उनके मुंह से लोकतंत्र की दुहाई शोभा नहीं देती है.
सुशील मोदी ने कहा 'विज्ञापन के माध्यम से अखबारों को नियंत्रित करने वाले नीतीश कुमार और लालू यादव को केंद्र सरकार की कार्यवाही में 'फांसीवाद' की बू आ रही है',
इमरजेंसी लगाने वाली कांग्रेस के साथ सरकार चला रहे नीतीश
मोदी ने सवाल दागते हुए कहा कि नीतीश कुमार आखिर किस मुंह से प्रेस की स्वतंत्रता की बात करते हैं जबकि वह 70 के दशक में देश में आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस पार्टी के साथ आज मिलकर बिहार में सरकार
चला रहे हैं. मोदी ने कहा आपातकाल का विरोध करने के लिए समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण को 19 महीने के लिए जेल भेजने वाली कांग्रेस पार्टी के साथ नीतीश आज बिहार में सरकार चला रहे है और प्रेस की
आजादी की नसीहत दे रहे है.
मोदी ने पूछा कि क्या यह अभिव्यक्ति की आजादी का हनन नहीं था जब बिहार सरकार ने पिछले महीने दुर्गा पूजा के दौरान बिहार के कई हिस्सों में हुए सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं को रोकने के लिए इंटरनेट और मोबाइल फोन पर बैन लगा दिया था ?
सुशील मोदी ने पूछा की सांप्रदायिक, जातीय तनाव, आतंकवादी हमले और युद्ध की स्थिति में मीडिया से जिम्मेदार रिपोर्टिंग की अपेक्षा नहीं की जानी चाहिए ?
गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केन्द्र सरकार द्वारा NDTV पर लगाए गए बैन का विरोध जताया था.