पटना के गांधी मैदान में चार दिवसीय राज्य स्तरीय कृषि यंत्रीकरण मेले का उद्घाटन करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि, अगर उत्पादन लागत कम कर किसानों की आमदनी बढ़ाना है तो यंत्रीकरण को बढ़ावा देना होगा. देश में सब्जी उत्पादन में बिहार तीसरे स्थान पर है. सब्जी प्रसंस्करण व संरक्षण के लिए दुग्ध की तरह कोऑपरेटिव फेडरेशन के गठन का निर्णय लिया गया है.
इसके तहत पांच जिलों वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, नालंदा व पटना के 83 प्रखंडों में प्राथमिक सब्जी सहकारी समिति का निबंधन हो चुका है. भारत सरकार ने ऑपरेशन ग्रीन के तहत टमाटर, प्याज और आलू के संरक्षण की योजना शुरू की है. इसका बिहार जैसे राज्य को सर्वाधिक लाभ मिलेगा.
मोदी ने कहा कि, पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम्य ज्योति योजना के अन्तर्गत कृषि के अलग फीडर के लिए भारत सरकार ने 6500 करोड़ रुपया जारी कर दिया है. दिसंबर में इसका टेंडर भी हो चुका है. खेती के लिए अगले साल के दिसंबर तक हर खेत में बिजली पहुंचा दी जाएगी. इसके बाद डीजल की निर्भरता खत्म हो जाएगी.
उन्होंने कहा कि, जैविक कॉरिडोर के अन्तर्गत खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रति 1.30 एकड़ पर किसानों को प्रारंभ में ही 6 हजार रुपए कृषि इनपुट सब्सिडी दी जाएगी. रैयत किसानों को आश्वस्त करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि, जमीन पर उनके हक को बरकरार रखते हुए राज्य और केन्द्र सरकार ऐसी व्यवस्था करेगी. बंटाईदारों को भी सरकार की विभिन्न अनुदान योजनाओं का लाभ मिल सके. वार्ड सदस्य के अनुमोदन पर बंटाईदार किसानों से 45 प्रतिशत से ज्यादा धान की खरीद की गई है.
मोदी ने कहा कि जैसे-जैसे शिक्षा का प्रसार होगा और लोगों की आमदनी बढ़ेगी, खेती करने वाले मजदूरों की कमी होगी, जो किसान खेती के लिए यंत्रीकरण को अपनाएंगे, उन्हें आने वाले दिनों में परेशानी नहीं होगी.