बिहार सरकार ने वर्ष 2018-19 के लिए वाणिज्य कर विभाग का 27 हजार करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया है. बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने वाणिज्य कर विभाग के पदाधिकारियों की लगातार दूसरे दिन बैठक की. मोदी ने इस साल 27 हजार करोड़ के संग्रह के लक्ष्य को कैसे हासिल किया जाए, इसकी गहन समीक्षा की.
सुशील मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वो बड़े टर्नओवर वाले कारोबारियों पर फोकस करें. उन्होंने राज्य के सभी वाणिज्य कर कार्यालयों को अत्याधुनिक आईटी सुविधाओं से युक्त कर कॉरपोरेट लुक देने का निर्देश दिया. साथ ही जीएसटी के अन्तर्गत छोटे व्यापारियों को रिटर्न फाइल करने में आ रही परेशानियों को दूर करने का निर्देश दिया.
मोदी ने कहा कि 2016-17 में 500 करोड़ से अधिक टर्न ओवर वाले मात्र 36 व्यापारियों से कुल राजस्व का 46.41 प्रतिशत तथा 50 करोड़ से अधिक 597 लोगों से 73 प्रतिशत जबकि डेढ़ करोड़ से कम टर्न ओवर वाले 90 प्रतिशत व्यापारियों से मात्र 9 प्रतिशत ही संग्रह हुआ. इसलिए इस साल के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बड़े टर्न ओवर वाले कारोबारियों पर अधिकारी ध्यान केन्द्रित करें. पिछले वित्त वर्ष में लगभग 22 हजार करोड़ की राजस्व की प्राप्ति हुई थी.
उन्होंने 1 अप्रैल से पूरे देश में ई-वे बिल की व्यवस्था लागू होने पर अधिकारियों को जांच के दौरान पारदर्शिता बरतने और अनावश्यक तौर पर किसी व्यापारी को तंग नहीं करने का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया कि डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए जीएसटी कौंसिल यह निर्णय करने जा रही है कि जो उपभोक्ता क्रेडिट-डेबिट कार्ड व ऑनलाइन खरीददारी करेंगे उन्हें कर भुगतान में 2 प्रतिशत की रियायत दी जा सकती है.