पटना में बन रहें बिहार के सबसे बडे मॉल का निर्माण बिना पर्यावरण विभाग की अनुमित के हो रहा है. यह मॉल लालू प्रसाद यादव के बेटे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और वन मंत्री तेज प्रताप यादव की कंपनी बना रही है. मॉल के निर्माण का काम पिछले एक साल से चल रहा है, लेकिन पर्यावरण प्राधिकार से इसकी अनुमति अबतक नहीं ली गई है. ये आरोप बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने लगाया है.
सुशील मोदी ने कहा है कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सबसे बड़े मॉल के निर्माण में पिछले एक साल से पर्यावरण नियमों का उल्लंघन किया जा
रहा है लेकिन उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव के वन मंत्री होने के कारण सरकार प्राथमिकी दर्ज कर निर्माण रुकवाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है. निर्माण
कार्य प्रारंभ होने के एक साल बाद जब मीडिया में मामला उजागर हुआ तो 18 अप्रैल को सुरसंड के राजद विधायक अब्दुल दोजाना की कंपनी मेरेडियन
कंस्ट्रशन इंडिया लि. जो इस मॉल का निर्माण कर रही है, उसने अनुमति के लिए पर्यावरण प्राधिकार को आवेदन दिया है. जबकि अब नियमों के उल्लंघन के
बाद राज्य प्राधिकार नहीं केंद्र ही अनुमति दे सकती है. राज्य प्राधिकार को तो प्राथमिकी दर्ज कर निर्माण रुकवाना और केंद्र सरकार को सूचित करना है.
सुशील कुमार मोदी ने सवाल किया कि वनमंत्री बताएं कि क्या 7.66 लाख वर्गफुट के विशाल मॉल के निर्माण की अनुमति पर्यावरण प्राधिकार से ली गई थी? क्या यह सच नहीं है कि बिना पर्यावरण क्लीयरेंस लिए एक साल से निर्माण किया जा रहा है? दरअसल राज्य पर्यावरण प्राधिकार में हिम्मत नहीं है कि तेजस्वी व तेज प्रताप के मॉल के खिलाफ कार्रवाई करें. ऐसे में मुख्यमंत्री हस्तक्षेप कर प्राथमिकी दर्ज कर निर्माण कार्य रुकवाएं.
उन्होंने बयान जारी कर कहा कि क्या छोटे भाई उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के मॉल के अवैध निर्माण को बड़े भाई वन मंत्री तेज प्रताप यादव का संरक्षण मिला हुआ है? आखिर बिना पर्यावरण क्लीयरेंस लिए एक साल से मॉल का निर्माण कैसे हो रहा है? क्या मॉल की दो एकड़ जमीन की मिट्टी कटाई के लिए खनन विभाग को रॉयल्टी का भुगतान किया गया है? पर्यावरण नियमों के उल्लंघन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कर मॉल के निर्माण को रुकवाने की कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है?