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सुशील मोदी बोले- प्रशांत किशोर ने बिना काम के ले लिए 9.31 करोड़ रुपये

बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के परामर्शी प्रशांत किशोर के बहाने नीतीश कुमार को जोर का झटका धीरे से दिया है.

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नीतीश के चुनावी रणनीतिकार हैं प्रशांत किशोर
नीतीश के चुनावी रणनीतिकार हैं प्रशांत किशोर

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बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के परामर्शी प्रशांत किशोर के बहाने नीतीश कुमार को जोर का झटका धीरे से दिया है. उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री के परामर्शी प्रशांत किशोर की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उनसे अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की.

प्रशांत किशोर के बहाने नीतीश पर निशाना
साथ ही प्रशांत किशोर पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशांत किशोर से संबंध रखने वाली कंपनी सिटीजन एलांयस को बिहार का विजन डॉक्यूमेंट बनाए बिना बिहार सरकार की ओर से 9.31 करोड़ रुपये का भुगतान प्रशांत किशोर के प्रभाव के कारण कर दिया गया. हालांकि प्रशांत किशोर सुशील मोदी के आरोपों को खारिज करते हुए एक स्टेटमेंट जारी किया है जिसमें कहा गया है कि करीब 40 हजार गांवों की विस्तृत रिपोर्ट सूचना मंत्रालय में जमा कराया जा चुका है, जिसमें गांवों की स्थिति का विश्लेषण है. उन्होंने कहा कि पैसों का भुगतान सभी रिपोर्टों को वेरिफाई करने के बाद सिटीजन एलांयस कम्पनी के द्वारा किया गया है और अभी भी 7 या 8 जिलों का भुगतान बाकी है.

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बिहार का विजन डॉक्यूमेंट बनाने के नाम पर पैमेंट
लेकिन बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने प्रशांत किशोर और विजन डॉक्यूमेंट को लेकर नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि विजन डॉक्यूमेंट बनाने की जिम्मेवारी बिहार सरकार ने सिटीजन एलांयस नाम की कंपनी को दी. इस कंपनी का सीधा संबंध मुख्यमंत्री के परामर्शी प्रशांत किशोर से है. लेकिन पिछले 8 महीने में इस कंपनी ने विजन डॉक्यूमेंट बनाने के नाम कुछ नहीं किया और सरकार से 9.31 करोड़ रुपये का भुगतान भी ले लिया. उन्होंने कहा कि अगर बिहार का विजन डॉक्यूमेंट बन गया होता तो केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों को 15 साल का जो विजन डॉक्यूमेंट बनाने का सुझाव दिया है उसे बनाने में काफी आसानी होती.

मोदी ने की PK से इस्तीफे की मांग
बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पूरे रंग में सरकार की बखिया उधेड़ने में लगे थे. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 19 जनवरी 2016 को प्रशांत किशोर की नियुक्ति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के परामर्शी के रूप में की गई. इस पद नियुक्ति के बाद प्रशांत किशोर को विहार विकास मिशन का सदस्य भी बनाया गया. इस पद पर नियुक्त होने के बाद प्रशांत किशोर के जिम्मे काम था कि राज्य के सर्वांगीन विकास से संबंधित नीतियों, संकल्पों, कार्यक्रम के निर्धारण के साथ-साथ निर्धारित समय में लक्ष्य की प्राप्ति करते हुए बिहार किस तरह विकास के पथ पर आगे बढ़े उसका परामर्श मुक्यमंत्री को देना. लेकिन पिछले आठ महीने में प्रशांत किशोर मात्र एक या दो बार ही बिहार आए, ऐसे में वो क्या परामर्श मुख्यमंत्री को देते होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

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जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं प्रशांत
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार विकास मिशन की अब तो मात्र दो बार ही बैठक हुई. पिछली बैठक जो 21 मई 2016 को हुई थी उस बैठक में प्रशांत किशोर अनुपस्थित थे, पिछले चार महीने से प्रशांत किशोर एक बार भी बिहार नहीं आए हैं. इसका बहुत बड़ा कारण ये है कि एक साथ वे यूपी और पंजाब जैसे राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के सलाहकार बने हुए हैं. मोदी ने कहा कि जानकारी ये भी है कि प्रशांत किशोर को जगमोहन रेड्डी ने भी आंध्र प्रदेश में होने वाले चुनाव के लिए सलाहकार नियुक्त किया है. तीन राज्यों में चुनाव की जिम्मेवारी होने के कारण प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री के परामर्शी के दायित्वों का निर्वाह्न सही ढंग से नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे में उन्हें अपने पद पर रहने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है.

प्रशांत किशोर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा
उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि प्रशांत किशोर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है. परामर्शी का पद मुख्य सचिव से ऊपर का पद होता है. प्रशांत किशोर तीन राज्यों में राजनीतिक दलों से चुनाव में सलाह देने का करार किए हुए हैं, जिसमें करोड़ों की राशि का अनुबंध हुआ है. बिहार में ये प्रावधान है कि जिस किसी को मंत्री का दर्जा प्राप्त होता है उसे अपनी संपत्ति का ब्योरा देना होता है. लेकिन प्रशांत किशोर ने अबतक अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है. प्रशांत किशोर को अपनी संपत्ति का ब्योरा देना चाहिए.

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भुगतान पर उठाए सवाल
बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीधा सवाल किया कि उन्हें बिहार की जनका को बताना चाहिए कि पिछले आठ महीने में प्रशांत किशोर ने कौन-कौन से परामर्श दिए? जब विजन डॉक्यूमेंट पर कोई काम ही नहीं हुआ तो फिर सिटीजन एलांयस को 9.31 करोड़ रुपये का भुगतान क्यों कर दिया गया? उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा कि जब प्रशांत किशोर अपने दायित्वों का निर्वाह्न कर ही नहीं पा रहे तो फिर उन्हें इस पद पर बनाकर क्यों रखा गया है?

प्रशांत किशोर ने आरोपों को नकारा
बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के द्वारा लगाए गए आरोपों को प्रशांत किशोर ने एक सिरे से खारिज किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के परामर्शी प्रशांत किशोर ने कहा कि झूठा आरोप लगाने के आरोप में वे सुशील कुमार मोदी को कानूनी नोटिश भेजेंगे. उन्होंने कहा कि चुनाव अभियान के दौरान भी उन्होंने इस तरह के आरोप लगाए थे जिस पर उनको कानूनी नोटिश भेजा गया था. प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के 40 हजार गांव की रिपोर्ट के कागजात एक माह पहले ही आईपीआरडी विभाग को सौंपी जा चुकी है. उन्होंने सुशील कुमार मोदी से कहा कि आप अपना कैमरामैन भेजकर उस रिपोर्ट का वीडियो बना सकते हैं.

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विजन डॉक्यूमेंट बनाने का काम जारी
प्रशांत किशोर ने कहा कि जहां तक जे डब्लू टी-सिटीजन एलांयस कंपनी को भुगतान का सवाल है तो ये भुगतान कागजातों की पूरी तरह जांच पड़ताल के बाद जिला स्तर से की गई है. अभी भी सात से आठ जिलों को भुगतान करना बाकी ही है. उन्होंने कहा कि इन चालीस हजार गांवों की रिपोर्ट के आधार पर जहां तक विजन डॉक्यूमेंट बनाने का सवाल है तो ये जिम्मा बिहार के सरकारी एजेंसी को दिया गया है ना कि सिटीजन एलांयस को.

प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका कहीं से कोई संबंध सिटीजन एलांयस नाम की कंपनी से नहीं है. साथ ही उनके और सिटीजन एलांयस कंपनी के बीच कभी भी कोई लेन-देन नहीं हुआ है. प्रशांत किशोर ने सुशील मोदी द्वारा उठाए गए एक-एक आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि जहां तक परामर्शी के पद का सवाल है तो मैंने पहले दिन से लिखित रुप में कहा कि वे किसी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं लेंगे.

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