भारतीय जनता पार्टी आउटसोर्सिंग में पूरी तरह से आरक्षण के पक्ष में है. पिछले दिनों भाजपा-जदयू की सरकार ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है. आउटसोर्स के अन्तर्गत काम करने वाले कर्मियों को सरकार राशि उपलब्ध कराती है, इसलिए बिहार में इसे कड़ाई के साथ लागू किया जाएगा. भविष्य में पैक्स के अध्यक्ष पद के चुनाव में भी सरकार आरक्षण की व्यवस्था को लागू करेगी. बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने यह बात कही.
उन्होंने कहा कि बीजेपी अनुसूचित जाति व जनजाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर के पक्ष में कभी नहीं रही है. पिछड़े वर्गों के आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर का प्रावधान है, इसलिए बीजेपी की सरकार ने अधिक से अधिक पिछड़ों को इसके दायरे में लाने के लिए क्रीमी लेयर की सीमा को 6 से बड़ा कर 8 लाख कर दिया. बिहार में भाजपा-जदयू की सरकार ने ही पंचायत चुनाव में अति पिछड़ों को 20 और महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया. सैप के जवानों की नियुक्ति में भी आरक्षण का प्रावधान किया गया था.
मोदी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी की सरकार ने कर्पूरी फॉर्मूले की तर्ज पर केन्द्र सरकार की नौकरियों में पिछड़े वर्गों के वर्गीकरण के लिए जब आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का प्रस्ताव लाया तो संसद में कांग्रेस और राजद ने विरोध किया.
जिन लोगों ने 15 साल बिहार में राज किया, उन्होंने अनुसूचित जाति व जनजाति का आरक्षण छीन लिया और बिना आरक्षण की व्यवस्था किए पंचायत का चुनाव करा दिया. दरअसल कुछ लोग आरक्षण के नाम पर भ्रम पैदा करना चाह रहे हैं. बीजेपी के राज्यसभा सांसद सीपी ठाकुर ने आउटसोर्सिंग में आरक्षण का विरोध किया था, लेकिन पार्टी ने कहा कि वह उनका व्यक्तिगत विचार है.