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स्‍वामी निश्‍चलानंद ने की अनुच्‍छेद 370 को हटाने की वकालत

पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की वकालत की है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री को यह अनुच्छेद बेजा ताकत दे देता है, जो ठीक नहीं है.

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पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की वकालत की है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री को यह अनुच्छेद बेजा ताकत दे देता है, जो ठीक नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंध में किए गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हित में मोदी को कठोर फैसले लेने चाहिए.

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बिहार के नालंदा जिले के राजगीर पहुंचे शंकराचार्य ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'जम्मू-कश्मीर मामले में अनुच्छेद 370 को समाप्त करना देशहित में होगा. इस अनुच्छेद को आजादी के बाद केवल 10 वर्षों के लिए लाया गया था परंतु एक वर्ग विशेष को लाभ पहुंचाने की नीयत से इसे बढ़ाया जाता रहा है.'

मोदी सरकार को नीति निपुणता और अध्यात्म के साथ चलने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि देश के लोगों को इस सरकार से काफी आशाएं हैं. उल्लेखनीय है कि केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने की बात प्रारंभ करने की बात कही थी. इसके बाद पूरे देश में इस पर विवाद मच गया है. तब मंत्री ने इस बयान से पीछे हटते हुए मीडिया पर बयान को तोड़मोड़ कर पेश करने की बात कही थी.

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निश्‍चलानंद ने गंगा को जीवन रेखा बताते हुए कहा कि इसके प्रति लापरवाही उचित नहीं है. उन्होंने गंगा के शुद्धिकरण को बेहद जरूरी बताते हुए कहा कि यह उस राज्य का दायित्व है, जहां से वह गुजरी. उन्‍होंने कहा, 'गंगा का शुद्धिकरण पुण्य का कार्य है, जिसमें केंद्र को भी सहयोग करना चाहिए.' उन्होंने गंगा के शुद्धिकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, 'जब देश में अंग्रेजों की सरकार थी तब उन्होंने गंगा को साफ रखने के लिए कुछ नियम बनाए थे परंतु धीरे-धीरे यह नियम शिथिल हो गया.'

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