तमिलनाडु की मदुरई जेल में बंद यूट्यूबर त्रिपुरारी कुमार तिवारी उर्फ मनीष कश्यप को सोमवार को बेतिया कोर्ट में पेश किया गया. पुलिस उसे ट्रेन से लेकर आई थी. इसकी खबर मिलते ही भारी संख्या में समर्थक उसे देखने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंच गए. लोगों ने उस पर फूल बरसाए. वो लगातार नारेबाजी करते हुए रिहाई की मांग करते रहे. इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. रेलवे स्टेशन से मनीष को सीधे एसपी ऑफिस लाया गया. इसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया.
बताते चलें कि जिस मामले में मनीष कश्यप की पेशी हुई है, वो साल 2020 के विधानसभा चुनाव से जुड़ा हुआ है. तब मनीष पर चनपटिया से बीजेपी विधायक उमाकांत सिंह के साथ विधानसभा चुनाव के दौरान मारपीट करने और रंगदारी मांगने के आरोप लगा था.
सरकारी कामकाज में बाधा डालने का आरोप
इतना ही नहीं यूट्यूबर पर इसी साल मार्च महीने में मझौलिया थाने में भी एक मामला दर्ज हुआ था. उस पर भारतीय स्टेट बैंक पारस पकड़ी के ब्रांच मैनेजर के साथ दुर्व्यवहार करने और सरकारी कामकाज में बाधा डालने का आरोप है.
जगदीशपुर थाने में मनीष ने किया था सरेंडर
इस मामले में आरोपी के खिलाफ कोर्ट ने कुर्की जब्ती का आदेश दिया था. 18 मार्च को पुलिस यूट्यूबर के घर की कुर्की करने पहुंची थी. इसी दौरान मनीष ने जगदीशपुर थाने में सरेंडर कर दिया था. इसके बाद बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने भी उससे पूछताछ की थी.
तमिलनाडु सरकार उस पर एनएसए भी लगाया
यूट्यूबर पर कानूनी शिकंजा तब कसा जब तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के खिलाफ हिंसा को लेकर उसने एक रिपोर्ट बनाई. उसकी रिपोर्ट को तमिलनाडु पुलिस ने गलत बताते हुए मामला दर्ज किया. इतना ही नहीं तमिलनाडु सरकार उस पर एनएसए भी लगाया.
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मनीष राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट भी गया. मगर, तमिलनाडु सरकार ने उसके खिलाफ लगाए गए एनएसए को हटाए जाने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट में दलील दी. अब बेतिया कोर्ट में पेशी के बाद उसको पटना लाया जा सकता है. यहां एक अन्य मामले में कोर्ट में पेश किया जाएगा.