बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बयान जारी कर कहा है कि महागठबंधन के शीर्ष नेताओं में बेहतर समन्वय है. बिहार की न्यायप्रिय जनता ने महागठबंधन की नीतियों और कार्यक्रमों को अपार समर्थन एवम अनंत सम्मान देकर ऐतिहासिक बहुमत दिया है. यह बहुमत जनता के सरोकारों के प्रति समर्पित व प्रतिबद्ध है. बीजेपी और उनके समर्थक संस्थानों को हमारी एकता हजम नहीं हो रही है. 2019 में बीजेपी को हराने में महागठबंधन की सबसे अहम भूमिका होगी. इसके अलावा गठबंधन के भी कुछ नेता व्यक्तिगत हितों को लेकर अनावश्यक बयानबाजी करते रहते हैं ताकि वे खबरों में बने रहें.
पार्टी में चल रही बयान बाजी पर तेजस्वी ने कहा कि हर दल में कुछ ऐसे व्यक्ति होते है जो मैंडेट या जनभावना का समर्थन ना करके अपने निजी हितों को सर्वोपरि रखते हैं. ऐसे लोगों की अपनी व्यक्तिगत धारणाएं और पीड़ाएं होती है जिन्हें वे मीडिया के मार्फत दल और गठबंधन से जोड़ देते हैं. हालांकि वास्तविकता में ऐसा नहीं है. मीडिया में किसी दल का मंतव्य केवल उसके आधिकारिक प्रवक्ता ही दे सकते हैं. वे कहते हैं कि उनके दल की तरफ से सभी मीडिया प्रतिष्ठानों को प्रदेश अध्यक्ष की तरफ से कई बार चिट्ठी भी भेजी जा चुकी है.
उसमें स्पष्ट रूप से यह कहा गया है कि केवल नामित प्रवक्ता ही पार्टी से सम्बद्ध मसलों पर आधिकारिक बयान देने के लिए अधिकृत हैं लेकिन फिर भी उस निवेदन और सूचना का पालन उनके द्वारा नहीं किया जाता और वो अपने पसंद के अनाधिकृत व्यक्ति से बयान लेकर उसे पार्टी का आधिकारिक बयान बताकर चला देते हैं. मीडिया को भी मिर्च-मसाला चाहिए होता है इसलिए ऐसे व्यक्ति का बयान चलाते हैं जो पार्टी की तरफ से बोलने के लिए नामित नहीं है.
उन्होंने आगे कहा कि महागठबंधन हिमालय की तरह मजबूत और अटूट है. बिहार जीतने की भाजपाई मंशा कभी पूरी नहीं होने वाली है. बिहार का महागठबंधन तो देश की वर्तमान राजनीति का सबसे सुनहरा एवं सकारात्मक अध्याय है. इसी महागठबंधन की देन है कि नवंबर 2015 से लेकर मार्च 2017 तक देश अमन चैन और भाईचारे से जी रहा था अन्यथा यूपी चुनाव के बाद से तो पूरा देश में अराजकता और दहशत के माहौल में ही जी रहा है. कब तीन लोगों का झुंड किस व्यक्ति को धर्म, भोजन, पहनावे या छद्म राष्ट्रवाद के नाम पर मार दें कौन जानता है?
बीजेपी प्रायोजित भीड़ ने लोकतंत्र को डरतंत्र में तब्दील कर दिया है. इसलिए पूरे देश के क्षेत्रीय दलों पर वहां की न्यायप्रिय व अमनपसंद जनता का भी दबाब है कि वो बिहार की तरह महागठबंधन करें और देश तोड़ने वाली फासिस्ट ताकतों को परास्त करें. जो लोग महागठबंधन टूटने की आशा कर रहे है उनके लिए इतना ही कहना है की यह सपना पूरा नहीं होने वाला है. 2019 में बीजेपी को हराने में महागठबंधन की सबसे अहम भूमिका होगी. देश और संविधान बचाने के लिए वे सभी समतावादी और समाजवादी दलों को एकसाथ लाने का प्रयास कर रहे है.