बिहार शराब कांड में मरने वालों का आंकड़ा 70 से अधिक हो गया है. वहीं इस मामले को लेकर अब राजनीति भी तेज हो गई. जहां एक तरफ बिहार सरकार आरोपियों पर कार्रवाई करने की बात कह रही है तो वहीं बीजेपी लगातार नीतीश कुमार पर सवाल उठा रहे हैं. वहीं मृतक के परिजनों को मुआवजा देने को लेकर भी सरकार और विपक्ष आमने-सामने है. इस बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने इस विधानसभा सत्र के दौरान कभी भी जनता की ओर से कोई मुद्दा नहीं उठाया. बीजेपी शासित राज्यों में क्या हो रहा है? इसका उनके पास कोई जवाब नहीं है. अगर वे राज्य में शराबबंदी खत्म करना चाहते हैं तो उन्हें साफ-साफ कहना चाहिए.
बता दें कि इससे पहलो सोमवार को बीजेपी ने विधानसभा में जमकर हंगामा काटा और पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने की मांग के साथ ही मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने की मांग की गई. बीजेपी ने आरोप लगाया कि बिहार की नीतीश सरकार राज्य में शराबबंदी लागू करने में विफल हो रही है.
उधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार मुआवजा देने से इनकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि मुआवजा देने से बिहार में शराबबंदी का उद्देश्य ही विफल हो जाएगा. जबकि भाजपा सांसद सुशील मोदी का कहना है कि 2018 में सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि अगर मौत का कारण शराब साबित होता है, तो मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने जहरीली शराब पीड़ितों के परिजनों को 4 लाख रुपये देने का वादा किया था.
जानिए क्या है पूरा मामला
सारण जहरीली शराब त्रासदी में 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. बिहार में अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद से यह सबसे बड़ी घटना है. हालांकि, विपक्ष में बैठी भाजपा मरने वालों की तादाद 100 से ज्यादा होने का दावा कर रही है. अगस्त से विपक्ष में बैठी भाजपा विधानसभा में चल रहे शीतकालीन सत्र में जहरीली शराब त्रासदी का मामला उठा रही है और पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग को लेकर सड़कों पर उतर रही है.