बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के साथ सृजन घोटाले के गढ़ भागलपुर को प्रस्थान कर चुके हैं. सृजन के गढ़ से ही वे सृजन घोटाले के सृजनकर्ताओं या सृजन के दुर्जनों का पर्दाफाश करेंगे.
बड़ी मछलियों को बचाया जा रहा है: तेजस्वी
तेजस्वी ने कहा कि इस मामले में स्टेनो, टेलीफोन और कंप्यूटर ऑपरेटर जैसे छोटे-छोटे कर्मियों की गिरफ्तारी दिखाकर जानबूझकर बड़ी मछलियों को बचाया जा रहा है. सबूत मिटाए जा रहे हैं. हार्ड डिस्क, कंप्यूटर, लैपटॉप गायब अथवा नष्ट किए जा रहे हैं. गवाहों को मारा जा रहा है. मुख्य सरगनाओं को सरकारी संरक्षण प्राप्त है.
सुशील मोदी के वित्त मंत्री रहते हुआ घोटाला: तेजस्वी
उन्होंने कहा कि जेडीयू और बीजेपी के बड़े नेताओं की संलिप्तता के बावजूद उन पर अब तक एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई है. राजकीय कोष के धन को गैरकानूनी तरीके से इधर-उधर कर जहां-तहां निवेश कर दिया गया, बन्दर बांट मचाई गई और निजी हित के लिए दुरुपयोग किया गया. यह सब इस समय वित्त मंत्री रहे सुशील मोदी के रहते हुआ. इतनी बड़ी राशि उनके नाक के नीचे से उनकी जानकारी के बिना गायब हो जाना असंभव है. उन्हीं के पार्टीगण और परिजनों के नाम भी बार-बार सामने आ रहे हैं.
नीतीश और सुशील के खिलाफ हो FIR: तेजस्वी
तेजस्वी ने बयान में आगे लिखा कि चार बार नीतीश कुमार ने इस घोटाले की जांच होने से रोक दिया. वरना इसका पर्दाफाश 10 साल पहले ही हो गया होता. सृजन में अपनी नाक बचाने के लिए ही मुख्य संरक्षक नीतीश कुमार और सुशील मोदी एक हुए हैं ताकि मिल- बांट इसकी लीपापोती कर जनता को मूर्ख बनाया जा सके. एक तरफ सीबीआई कल्पना शक्ति और अज्ञात सूचना को आधार बनाकर अपने मनगढ़ंत आरोपों में मुझ पर एफआईआर दर्ज करती है, जब मैं मात्र 14 वर्ष का था. दूसरी ओर साफ-साफ सृजन घोटाले के मुख्य संरक्षकों नीतीश कुमार और सुशील मोदी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के बजाए उन्हें ही संरक्षण प्रदान करने में जुटी है. इन दोनों पर तुरंत दफा 120B और 420 का मुकदमा दर्ज कर सीबीआई अपनी विश्वसनीयता प्रमाणित करे.
घोटाला की वजह से एक हुए हैं नीतीश-सुशील: तेजस्वी
तेजस्वी ने कहा, 'सृजन घोटाला सीधे तौर पर इन्हीं के संरक्षण में हुआ है, तो इन पर अब तक एफआईआर क्यों नहीं हुई है? सुशील मोदी की बहन इसमें आरोपित है. सृजन घोटाले के काले धन से मोदी परिवार कहां से कहां पहुंच गया. जब तक नीतीश कुमार और सुशील मोदी पर एफआईआर नहीं होती, हम चैन से बैठने वाले नहीं है. सृजन घोटाले का ही कमाल है, जो आज नीतीश कुमार दोबारा बीजेपी संग बैठे हैं. अपने काले पाप छुपाने के लिए ये लोग एक हुए हैं.'