सुपौल के त्रिवेणीगंज में कस्तूरबा गांधी आवासीय हाई स्कूल में छात्राओं पर हमले की घटना ने तूल पकड़ लिया है. हमले को लेकर बिहार के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर ट्वीट के जरिए हमला किया. इस दौरान उन्होंने हाल की घटनाओं का भी जिक्र किया है.
ट्वीट करते हुए तेजस्वी ने लिखा, 'नीतीश राज में महिलाओं के खिलाफ अपराध, छेड़छाड़ और दुष्कर्म की घटनाओं से बिहार शर्मसार हो रहा है. नालंदा, गया, मधुबनी, कैमूर, जहानाबाद, रोहतास, सासाराम, आरा के बाद सहरसा में वीडियो वायरल हुआ. मुजफ्फरपुर और पटना शेल्टर होम में तो महापाप हुआ. सीएम अपराधियों के साथ हैं.'
एक अन्य ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा, 'सीएम यह खुद सुनिश्चित करते हैं कि बलात्कारियों और साजिशकर्ताओं की खुली छूट मिलती रहे. अधिकांश मामलों में उनके पार्टी के लोग, विधायक और पार्टी पदाधिकारी मुख्य गुनहगार हैं. अगर कोई ईमानदार अधिकारी उन्हें पकड़ने की कोशिश करता है, तो उसका तबादला कर दिया जाता है.'
तेजस्वी ने अपने ट्वीट में यह भी लिखा कि 'बिहार में सुपौल के त्रिवेणीगंज के कस्तूरबा गांधी गर्ल्स स्कूल में घुसकर असामाजिक तत्वों द्वारा हॉस्टल में रहने वाली 34 छात्राओं को बुरे तरीके से मारा-पीटा गया है. बेख़ौफ गुंडों की मार से घायल सभी छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सरकार नरम है, अपराध चरम पर है.'
Because CM personally interferes to ensure that rapists & perpetrators gets a free run. In majority cases his party men, law makers and office bearers are the main culprits. If an honest officer tries to catch hold of them, He/she is transferred immediately. #NitishKaAatankRaj https://t.co/vdVH3ro5BF
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 7, 2018
गौरतलब है कि सुपौल की घटना शनिवार शाम की है जब बाकी दिनों की तरह गांव के कुछ युवक इस आवासीय स्कूल की दीवार पर अश्लील और भद्दी बातें लिख रहे थे. ये देख छात्राओं ने इसका विरोध किया. नाराज छात्राओं ने एक युवक को जमकर डांट लगाई जिसके बाद कुछ ही मिनटों में गांव के 2 दर्जन से भी ज्यादा लड़के लाठी डंडों के साथ स्कूल में पहुंच गए और छात्राओं पर हमला कर दिया.
इस घटना में तकरीबन 40 लड़कियां बुरी तरीके से घायल हो गई हैं. थोड़ी देर बाद जब प्रशासन को इसकी जानकारी मिली तो एंबुलेंस के साथ स्कूल पहुंचे और एक-एक करके सभी छात्राओं को स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए ले जाया गया. इस दौरान कई छात्राओं के शरीर से खून बह रहा था और दर्द से कराह रही थीं.