राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में घमासान मचा हुआ है. तेजस्वी यादव और तेज प्रताप के बीच जारी तकरार खुलकर सामने आ चुकी है. भले तेजस्वी ने अपने बड़े भाई को अनुशासन में रहने की नसीहत दी हो, लेकिन सुलह की गुंजाइश कम ही दिख रही है. ऐसा इसलिए है क्योंकि तेजस्वी ने इस विवाद पर फिर अलग हटकर बयान दिया है.
जातिगत जनगणना के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली मिलने आए तेजस्वी यादव ने तेज प्रताप की नाराजगी पर कहा हम उसी सवाल का जवाब देते हैं, जिसमें नेशनल और इंटरनेशनल मुद्दे जुड़े हों.
बता दें कि तेजप्रताप यादव ने काफी दिनों से पार्टी के अंदर ही जंग का ऐलान कर रखा है. वो अपने ही पार्टी के नेताओं पर निशाना साधा रहे हैं. इससे पहले तेज प्रताप ने तेजस्वी को बच्चा, जगदानंद सिंह को शिशुपाल और संजय यादव को दुर्योधन तक कह दिया था.
तेज प्रताप बीते सप्ताह तेजस्वी यादव से मिलने पहुंचे थे. लेकिन उनकी तेजस्वी से बातचीत नहीं हो पाई. इसके बाद तेज प्रताप तेजस्वी के सलाहकार संजय यादव पर भड़क गए थे. तेज प्रताप ने ये तक कह दिया कि उनके और तेजस्वी के बीच में आने वाले संजय यादव कौन होते हैं.
बाद में बड़े भाई तेज प्रताप से मुलाकात ना हो पाने पर तेजस्वी ने सफाई दी थी. तेजस्वी ने कहा, तेज प्रताप आये थे, हमारी उनसे मुलाकात भी हुई थी. लेकिन 4.30 बजे सोनिया गांधी की मीटिंग थी और मीटिंग में मुझे शामिल होना था. तेज प्रताप की जगदानंद सिंह ने नाराजगी के सवाल पर तेजस्वी ने कहा कि नाराजगी होती रहती है.
सुशील मोदी की तेज प्रताप से हमदर्दी
दोनों भाइयों में जारी टकराव के बीच लालू यादव के कट्टर राजनीतिक विरोधी सुशील मोदी की भी एंट्री हो गई है. सुशील मोदी अपने बयानों से तेज प्रताप की पीठ थपथपा रहे हैं. बीजेपी के और दूसरे नेता भी इस पर चुटकी लेने में पीछे नहीं हैं.
तेजप्रताप यादव ने बोलने और लोगों से संवाद करने की वही शैली अपनाई, जिससे उनके पिता लोकप्रिय हुए।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) August 21, 2021
तेजप्रताप भी अपने लोगों के बीच ज्यादा पसंद किये जा रहे हैं।
इससे जिनको तकलीफ हुई होगी, वे उन्हें किनारे करने की जोड़-तोड़ कर रहे हैं।
दो ध्रुव एक हो रहे हैं ?
बिहार की राजनीति में दो धुरी बन चुके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सोमवार को एक साथ दिखाई दिए. जातिगत जनगणना के मुद्दे पर दोनों नेता पीएम मोदी से मिलने पहुंचे थे. बैठक के बाद दोनों एक साथ ही मीडिया के सवालों के जवाब भी दे रहे थे. ऐसे में अब सवाल खड़ा हो रहा है कि कि क्या बिहार राजनीति के दो ध्रुव एक हो रहे हैं?