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सियासी तौर पर आप नीतीश के साथ आ गए? सवाल पर तेजस्वी ने दिया ये जवाब

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव समेत अन्य नेताओं ने इस मुलाकात के बाद मीडिया से बात की. इसी दौरान तेजस्वी यादव से मीडिया ने नीतीश कुमार के साथ बढ़ रही नज़दीकियों को लेकर भी सवाल किया. 

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नीतीश-तेजस्वी की बढ़ती नज़दीकियों पर हुआ था सवाल (File: PTI)
नीतीश-तेजस्वी की बढ़ती नज़दीकियों पर हुआ था सवाल (File: PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिहार के नेताओं की पीएम मोदी से मुलाकात
  • जातिगत जनगणना के मसले पर हुई बात

जातिगत जनगणना को लेकर सोमवार को बिहार के करीब एक दर्जन नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव समेत अन्य नेताओं ने इस मुलाकात के बाद मीडिया से बात की. इसी दौरान तेजस्वी यादव से मीडिया ने नीतीश कुमार के साथ बढ़ रही नज़दीकियों को लेकर भी सवाल किया. 

तेजस्वी यादव से सवाल हुआ कि क्या आप और नीतीश कुमार सियासी तौर पर भी नज़दीक आ रहे हैं, क्योंकि मुद्दे मिल रहे हैं. इसपर तेजस्वी ने मुस्कराते हुए कहा कि राष्ट्रीय हित के मसलों के लिए, विकास के लिए और लोगों की तरक्की के लिए कोई काम होगा तो विपक्ष सरकार के साथ ही रहेगा. 

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राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि कोरोना काल में भी बिहार में हमने सरकार के साथ मिलकर काम किया है. तेजस्वी यादव ने इस दौरान नीतीश कुमार का शुक्रिया भी अदा किया, उन्होंने कहा कि हमारे प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा, इसके लिए हम मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री दोनों के आभारी हैं. 

बता दें कि एक वक्त पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने एक साथ मिलकर सरकार चलाई थी. लेकिन बाद में नीतीश कुमार फिर से भाजपा के साथ आ गए थे. इस बार नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ ही चुनाव लड़ा और कम सीटें लाने के बावजूद भी मुख्यमंत्री बन गए.

जातिगत जनगणना का मामला चर्चा में...

गौरतलब है कि सोमवार को नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव की अगुवाई में बिहार की दस पार्टियों के करीब 11 नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. ये मुलाकात करीब 40 मिनट तक चली, जिसमें सभी नेताओं ने जातिगत जनगणना की मांग की. 

बिहार, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में लंबे वक्त से जातिगत जनगणना को लेकर मांग उठ रही है. बिहार में जहां नीतीश-तेजस्वी समेत अन्य नेता एक साथ आए हैं, तो वहीं यूपी में भी अखिलेश यादव, मायावती इस मांग को उठा चुके हैं. यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव भी हैं, ऐसे में इस मसले ने ज़ोर पकड़ा शुरू किया है. 

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