बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा है कि नीतीश जी की अगुवाई में बिहार में भ्रष्टाचार की भयावह गंगा बह रही है. इस भ्रष्टाचारी रूपी गंगा का प्रवाह इतना तेज़ है कि बड़े-बड़े घोटाले बांध तोड़ रहे हैं.
तेजस्वी यादव ने कहा कि दो दिन पहले ही 828 करोड़ की लागत से भागलपुर के कहलगांव में बना बांध और नहर टूट गया . जल संसाधन विभाग बिहार में भ्रष्टाचार का गढ़ और लूट का सबसे बड़ा अड्डा बन चुका है. माननीय मुख्यमंत्री नीतीश जी की सरपरस्ती में जल संसाधन विभाग में बाढ़ कटाव, बाढ़ राहत में लगातार घोटाले हो रहे हैं. नहर और बांध निर्माण-मरमत्ति में संवेदकों और अभियंताओं की मिलीभगत से क्या नीतीश जी अवगत नहीं हैं.
तेजस्वी ने कहा कि नैतिकता की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले नीतीश जी जल संसाधन विभाग में हो रहे घोटालों पर कोई संज्ञान क्यों नहीं लेते? उनकी ऐसी क्या मजबूरियां हैं, जो इस विभाग के भ्रष्टाचार पर आंखें मूंद लेते हैं. एक मुख्यमंत्री के लिए इससे बड़ी प्रशासनिक विफलता क्या होगी? जो उनके उद्घाटन करने से महज़ कुछ घंटें पहले ही जनता का 828 करोड़ रुपये भ्रष्टाचार की गंगा में बह जाता है. जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले मुख्यमंत्री के सामने प्रतिदिन हज़ारों करोड़ के घोटाले उजागर हो रहे हैं. फिर भी पता नहीं किस नैतिकता के आधार पर ईमानदारी का ढोल पीटते रहते हैं.
तेजस्वी ने कहा कि अब तो बिहार की न्यायप्रिय जनता भी कहने लगी है कि जब तक राजद सरकार में थी एक भी घोटाला नहीं हुआ. राजद बड़ी पार्टी थी और उसमें नीतीश जी के भ्रष्ट सिपहसलारों को घोटाले करने की छूट नहीं थी, शायद इसलिए उनका दम घुट रहा था. नीतीश कुमार जी की तथाकथित छवि से पूरा देश परिचित हो चुका है. देश जान रहा है कि बिहार सरकार में अब कैसे चूहे भ्रष्टाचारी बन गए हैं? अब मिट्टी नहीं सीमेंट के बांध और नहर को भी ये सरकारी सरपरस्ती में कुतर रहे हैं. पब्लिक ये सब जानती है.