बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव आज अपने नीतीश चाचा के लिए काफी बुरा महसूस कर रहे हैं. जी हां, शनिवार को पटना आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सीएम नीतीश की मांग ना मानने पर तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर यही कहा है. तेजस्वी ने कहा कि सीएम नीतीश को बिहार के लिए स्पेशल पैकेज भूल जाना चाहिए. पीएम मोदी ने पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी की दर्जा देने की सीएम नीतीश की मांग नहीं मानी. पीएम ने सीएम नीतीश को उनकी असल जगह दिखा दी है.
तेजस्वी ने ट्वीट किया कि आज बिहार को धोखा देने वाले मुख्यमंत्री ने अपने नए मुखिया के सामने कई चीजों की मांग रखी ताकि जनादेश का अपमान करने पर नाराज बिहार की जनता को खुश किया जा सके, लेकिन प्रधानमंत्री ने उनकी सभी मांगें खारिज कर दीं. तेजस्वी ने कहा, 'नीतीश चाचा के बुरा महसूस कर रहा हूं.'
Today Bihar's backstabber CM begged in front of his new almighty to provide many things as face saver to console angry people of Bihar after dacoity of mandate but PM outrightly rejected all demands of him. I felt bad for Nitish Chacha.
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 14, 2017
पटना विश्वविद्यालय पहुंचे पीएम मोदी
बता दें कि पीएम मोदी आज पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह में शिरकत करने बिहार पहुंचे. इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी मंच साझा किया. वहीं अपने भाषण में नीतीश कुमार ने पीएम मोदी से पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने मांग की.
सीएम नीतीश की मांग को टाल गए पीएम
हालांकि पीएम मोदी ने नीतीश कुमार की इस मांग को समारोह में अपने भाषण के दौरान टाल दिया. पीएम ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय बीते हुए कल की बात है. वह यहां कुछ नया देने के लिए आए हैं, कुछ ऐसा जो देश के विश्वविद्यालयों को आगे ले जाए. उन्हें वैश्विक स्तर का बनाए. पीएम नरेंद्र मोदी ने इसके बाद उस योजना की घोषणा कि जिसके तहत देश के 20 विश्वविद्यालयों को 10 करोड़ रुपये की मदद मिलेगी. यह फंड 10 प्राइवेट यूनिवर्सिटी और 10 पब्लिक यूनिवर्सिटी को बांटा जाएगा.
विश्वविद्यालयों के बीच होगी प्रतिस्पर्धा
पीएम नरेंद्र मोदी के अनुसार इस फंड के लिए आवेदन करने वाले देशभर के विश्वविद्यालयों के बीच एक प्रतिस्पर्धा होगी. इस प्रतिस्पर्धा में जो विश्वविद्यालय अच्छा करेंगे, उन्हें ही इस फंड का हिस्सा बनाया जाएगा. इस फंड की मदद से विश्वविद्यालयों को ग्लोबल स्टैंडर्ड का बनाने की कोशिश की जाएगी. पीएम मोदी ने कहा कि 10 हजार करोड़ फंड योजना में शामिल होने के लिए इन यूनिवर्सिटीज का चयन नेता नहीं करेंगे. प्रोफेशनल एजेंसियां इन 20 विश्वविद्यालयों का चयन करेंगी. सभी विश्वविद्यालयों को इसके लिए अच्छा परफॉर्म करना पड़ेगा.
ये है पटना विश्वविद्यालय का हाल
100 साल का जर्जर पटना विश्वविद्यालय अपने गौरवशाली अतीत को याद कर जी रहा है, जहां शिक्षकों और सुविधाओं की भारी कमी है. ऐसे में क्या यह वर्ल्ड क्लास विश्वविद्यालय की रेस में खड़ा हो सकेगा. इस पर पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रासबिहारी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हमारी तरफ से मांग रखी थी, लेकिन प्रधानमंत्री ने एक लक्ष्य दिया है, उसे पूरा करने का प्रयास करेंगे. वहीं पूर्व शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि मुझे बहुत निराशा हुई है. प्रधानमंत्री को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देना चाहिए था. विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और प्राध्यापक सूर्यमणि सिंह ने भी कहा कि प्रधानमंत्री ने गोल- गोल कर के सबको घूमा दिया. स्टूडेंट्स प्रधानमंत्री के सम्बोधन पर मोदी-मोदी के नारे लगा रहे थे, केन्द्रीय विश्वविद्यालय की घोषणा ना होने से वे बेहद निराश दिखे.