कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे लगभग आ चुके हैं जिसमें बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं और वह सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में उभरी है, मगर इसके बावजूद भी वह सरकार बनाने में फिलहाल असमर्थ दिख रही है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) दूसरे और तीसरे नंबर की पार्टी होने के बावजूद सरकार बनाने तैयारी में जुटी हुई है.
कर्नाटक में इसी राजनीतिक शह-मात के खेल में बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पिछले साल की उस घटना को याद किया है जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर भाजपा के साथ रातों-रात सरकार बना ली थी और आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भी हाथ मलती रह गई थी.
After betrayal of mandate in Bihar 10 months ago @RJDforIndia is & was single largest party but not called by governor to form govt. I waited &sat on dharna at Governer house’s gate for hours with our MLAs till 2AM but didn’t get time to meet.
Let’s see what happens in Karnataka
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 15, 2018
कर्नाटक के राजनीतिक हालात पर ट्वीट करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि वह यह जानने को काफी उत्सुक हैं कि वहां के राज्यपाल इस राजनीतिक उठापटक के बीच क्या निर्णय लेते हैं? क्या कर्नाटक के राज्यपाल बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने के लिए न्योता देते हैं या फिर कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर और गठबंधन को संख्याबल के आधार पर सरकार बनाने के लिए बुलाते हैं?
तेजस्वी ने कहा कि पिछले साल नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर आई भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी और आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भी सरकार नहीं बना पाई और ऐसे में कर्नाटक में भाजपा का यह कहना कि वह सबसे बड़ी पार्टी है और उसे ही सरकार बनाने के लिए सबसे पहले उन्हें बुलाना चाहिए, यह प्रवचन उन्हें शोभा नहीं देता.
क्या बिहार में बीजेपी को बहुमत मिला था?
क्या बिहारियों ने बीजेपी को बहुत बुरी तरह नहीं हराया था?
नीतीश जी की मदद से बिहार में बहुमत का चीरहरण और लोकतंत्र का जनाजा निकाल चोर दरवाज़े से सरकार में बैठ मलाई चाट रहे भाजपाई कर्नाटक के मामले में उच्चकोटि का प्रवचन किसे बाँट रहे है?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 15, 2018
तेजस्वी ने कहा कि जिस रात नीतीश कुमार ने गठबंधन से अलग होकर भाजपा के साथ सरकार बनाने का दावा राज्यपाल से मिलकर पेश किया था उस रात वह आरजेडी के 80 विधायकों के साथ 2 बजे रात तक राज्यपाल से मिलने के लिए कोशिश करते रहे, मगर उन्हें मिलने का वक्त नहीं दिया. तेजस्वी ने कहा कि सबसे बड़े राजनीतिक दल होने के बावजूद भी राज्यपाल ने आरजेडी को उस दौरान सरकार बनाने का न्योता नहीं दिया.
तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि वह देखना चाहते हैं कि कर्नाटक के राज्यपाल बिहार जैसे ही हालत में क्या फैसला लेते हैं?