बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा है कि सृजन घोटाले की वजह से हमारी सरकार को गिराने के लिए मुझे मोहरा बनाया गया. नीतीश कुमार बीजेपी के दबाव में थे और मेरे ऊपर आरोप लगाकर महागठबंधन की सरकार गिराई और बीजेपी से मिल गए.
तेजस्वी ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री ने उस वक्त मुझसे जवाब मांगा था पर अब जनता उनसे सृजन घोटाल में लगे आरोप पर जवाब मांग रही है, लेकिन वो जनता को जवाब नहीं दे पा रहे हैं. नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी दोनों इस घोटाले में शामिल हैं.
सृजन घोटाले को लेकर तेजस्वी ने तर्क दिया कि जब 2006 में भागलपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी ने सृजन के गलत कामों को लेकर रिपोर्ट दी थी तो क्या मुख्यमंत्री ने वो रिपोर्ट नहीं देखी. इसके बावजूद सरकारी धन सृजन के खाते में किसके आदेश से जाने लगा.
सृजन घोटाले को लेकर जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
तेजस्वी ने कहा कि हर बार नीतीश कुमार सुशील कुमार मोदी को ही क्यों उपमुख्यमंत्री बनाते हैं. क्या बीजेपी में कोई और नेता नहीं है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने सृजन घोटाले को दबाने के लिए बीजेपी से हाथ मिलाया. सीबीआई जांच कर रही है, लेकिन किसी पर अभी तक एफआईआर नहीं की गई है.
अगर ये घोटाला हमारी सरकार में उजागर हुआ होता तो न जाने कितने एफआईआर हो जाते. इसमें उस रेखा मोदी पर भी एफआईआर नहीं हुई, जिसे सुशील मोदी अपनी बहन नहीं मानते. सब तार एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच हो इसके लिए हम जल्दी ही सुप्रीम कोर्ट जा रहें हैं.
लालू बोले- बीजेपी से डील करने नीतीश दिल्ली गए
तेजस्वी के साथ लालू प्रसाद यादव ने भी नीतीश पर तीखा वार किया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार 7 जुलाई से 26 जुलाई तक महागठबंधन सरकार गिरने से पहले तीन बार दिल्ली गए और उसी दौरान उनकी बीजेपी से डील हुई और मुझे बलि का बनाया गया.
इस कड़ी में तेजस्वी यादव ने कहा कि भागलपुर की सभा को नुक्कड सभा कहना भागलपुर जनता का अपमान है. नीतीश कुमार मर्यादा का उल्लंघन करते हैं. अगर वो इतने ही पाक साफ हैं, तो पब्लिक डोमेन में इन आरोपों का जवाब बिन्दुवार तरीके से दे.