बिहार के प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर बीजेपी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बीजेपी शुरू से ही दलित विरोधी है और वो आरक्षण को खत्म करना चाहती है. आजतक से खास बातचीत में तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी द्वारा दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका धोखा है. हम हमेशा उनकी सुरक्षा के लिए आवाज उठाते रहेंगे.
तेजस्वी ने कहा कि कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है, क्या कारण था कि रिव्यू पिटीशन डालना पड़ा. केंद्र सरकार के नुमाइंदे कोर्ट के सामने गए थे. उन्होंने अपने पक्ष को मजबूती के साथ नहीं रखा, क्योंकि केंद्र में जो लोग बैठे हैं यह लोग गोडसे के लोग हैं, बाबा गोलवलकर के लोग हैं, ये लोग हमेशा से ही दलित विरोधी हैं.
तेजस्वी ने कहा कि हमारी मांग है केंद्र सरकार अगर चाहती है कि कानून जैसे था वैसा ही रहे तो कोर्ट- कचहरी में जाने की क्या जरूरत है आप सीधा ऑर्डिनेंस ले आइए. कानून को पुख्ता बनाइए कोई भी उससे छेड़छाड़ नहीं कर सकता जो हमारा कानून है वह सुरक्षित रहेगा. हमारे दलित सुरक्षित रहेंगे, हमारे आदिवासी सुरक्षित रहेंगे. आखिर आर्डिनेंस लाने में शेडूल लाइन में लाने में क्या दिक्कत है? यह सरासर आंखों में धूल झोंकने वाली बात है. बड़ी चालाकी से बीजेपी के लोग संविधान को मिटाना चाहते हैं, आरक्षण को खत्म करना चाहते हैं और SC/ST कानून को खत्म करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि उतर प्रदेश में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को तोड़ा गया था और तोड़ने वाले कौन लोग थे? उसे तोड़ने वाले वही संघ और बीजेपी के लोग थे. इन लोगों की कथनी और करनी में अंतर है. इस केस में एटॉमिक जनरल को खुद अपीयर होना चाहिए था, कोई जूनियर वकील नहीं होता. अगर हिमायती हैं तो आपको आने में क्या दिक्कत है आप भी तो ऐसा ही चाहते हो ना कि कानून ऐसा का ऐसा ही रहे. आप इतने ही हिमायती हैं तो कानून को शेड्यूल में लाइए, कानून को पुख्ता बनाइए.
तेजस्वी ने दलित एक्ट के दुरुपयोग पर कहा कि अफवाह फैलाई जाती है कि दुरुपयोग कराया जाता है. अगर दुरुपयोग की बात की जाए तो शराबबंदी से ज्यादा किस कानून का दुरुपयोग हो रहा है? 1,30,000 दलित सबसे ज्यादा जेल में हैं.
उन्होंने कहा कि यह तो जांच करने का मामला है अगर दलित कोई शिकायत करता है तो जांच अथॉरिटी ही करेगी. बाहर से बैठ कर कोई कैसे कह सकता है कि कानून का दुरुपयोग हो रहा है, कोई कैसे कह सकता है कि झूठा मुकदमा किया या सच्चा मुकदमा किया है? इसलिए हम लोगों की मांग है कानून जो है
उन्होंने कहा कि बीजेपी सत्ता में है और सबसे ज्यादा रिकॉर्ड देखा जाए तो बीजेपी शासित राज्यों में ही दलितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार बढ़ा है. यह आंकड़ा बताता है कि क्यों बीजेपी शासित राज्य में सबसे ज्यादा 'भाई' होते हैं. हरियाणा जैसे प्रदेश में पहले ऐसा नहीं होता था लेकिन वहां भी बीजेपी की सरकार बनने के बाद ऐसा होने लग गया. यूपी में जो हो रहा है और बिहार में जो हो रहा है, मुख्यमंत्री नंदन गांव जाते हैं तो दलितों पर डंडे बरसाते हैं, बिना महिला फोर्स के गर्भवती महिलाओं को भी रात में जेल ले जाया जाता है. यहां कानून होता तो हम लोग कम से कम सुरक्षित रहते. अगर देखा जाए तो SC/ST की बहुसंख्यक आबादी है अगर इनकी आवाज को हम लोग नहीं उठाएंगे तो किनकी आवाज को उठाएंगे? गैर-बराबरी के खिलाफ लड़ना है, इनको मुख्यधारा में लाना है, इनको सुरक्षित रखना है यही तो हमारी विचारधारा बताती है.