पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव शनिवार को बक्सर के नंदन गांव पहुंचे थे, जहां के महादलित परिवारों के ऊपर आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विकास समीक्षा यात्रा के दौरान उनके काफिले पर पत्थरबाजी की.
आरजेडी ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री के साथ हुई घटना के बाद से ही महादलित परिवारों के ऊपर पुलिसिया अत्याचार किया जा रहा है और इन्हीं महादलित परिवारों का दर्द बांटने के लिए तेजस्वी नंदन गांव गए थे.
तेजस्वी के नंदन गांव के महादलित परिवारों के समर्थन में खड़े होने को लेकर जेडीयू ने कहा है कि ऐसा लगता है कि तेजस्वी बिहार में उन्माद फैलाना चाहते हैं और उनकी मंशा है कि प्रदेश में दंगा हो और लोगों में अशांति फैले.
पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव ने नंदन गांव का दौरा करके लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं को तोड़ दिया है, क्योंकि इसी गांव के लोगों ने मुख्यमंत्री के काफिले पर पथराव किया था और जब पुलिस इन पर कार्रवाई कर रही है तो तेजस्वी इन अपराधियों का साथ दे रहे हैं.
जेडीयू ने आरोप लगाया कि तेजस्वी राजनीति के सबसे निचले पायदान पर आकर राजनीति कर रहे हैं. मगर उनका कहना था कि बिहार की जनता यह जानती है कि पथराव की साजिश वाकई में किसने रची थी.
गौरतलब है कि जेडीयू ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री के काफिले पर हमले की साजिश में तेजस्वी यादव भी शामिल थे. संजय सिंह ने कहा कि इस मामले की जांच इस वक्त चल रही है और बहुत जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
तेजस्वी पर तंज कसते हुए संजय सिंह ने कहा कि तेजस्वी को अपना पूरा ध्यान इस वक्त परिवार पर लगे भ्रष्टाचार के दाग मिटाने पर लगाना चाहिए और आत्मचिंतन करना चाहिए कि आखिर उन्हें उपमुख्यमंत्री बनने के बाद परिवार के ऊपर जो दाग मिटाने का अवसर मिला था उसे उन्होंने गवां क्यों दिया?
संजय सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव को अपना उपमुख्यमंत्री काल अच्छे काम करके अपने परिवार के ऊपर लगे कालिख को धोने में लगाना चाहिए था, मगर अफसोस की बात यह रही कि इस दौरान वह खुद पाप में डूबते चले गए.