पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव शनिवार को बक्सर के नंदन गांव जाएंगे जहां पर पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर स्थानीय लोगों ने जानलेवा हमला किया था. इस घटना के बाद से ही स्थानीय पुलिस के ऊपर आरोप लग रहे हैं कि जिन महादलितों ने नीतीश के काफिले पर हमला किया था उन पर लगातार पुलिस का अत्याचार जारी है.
इसी बीच आरजेडी ने भी पूर्व मंत्री और आरजेडी नेता शिवचंद्र राम के नेतृत्व में 9 सदस्य टीम घटना की जांच के लिए नंदन गांव भेजी थी. जिसने पटना लौटने के बाद आज तेजस्वी यादव को अपनी रिपोर्ट सौंपी. आरजेडी की रिपोर्ट में यह पाया गया कि नीतीश के काफिले पर हमला सुनियोजित नहीं था, बल्कि प्रशासनिक चूक की वजह से किया गया था. गौरतलब है कि जदयू ने आरोप लगाया था कि नीतीश के काफिले पर हमले में तेजस्वी यादव की मिलीभगत थी और यह हमला पूर्ण तरीके से सुनियोजित था.
आरजेडी की रिपोर्ट में कहा गया है कि महादलितों के इलाकों में विकास का कोई कार्य नहीं हुआ था और अपने इस समस्या से लोग नीतीश कुमार को अवगत कराना चाहते थे. मगर ऐसा नहीं कर पाने की वजह से उनका गुस्सा फूटा और उन्होंने नीतीश के काफिले पर हमला कर दिया. अब इन महादलित परिवारों के ऊपर हो रहे कथित अत्याचार से आहत होकर तेजस्वी शनिवार को नंदन गांव जाएंगे और इनका दर्द बाटेंगे.
तेजस्वी ने कहा कि नंदन गांव की घटना पूरी तरीके से प्रशासनिक सीनियर और इंटेलिजेंस फेलियर का नतीजा है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार को लगता है कि नंदन गांव की घटना में तेजस्वी यादव शामिल है तो उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
नीतीश पर तंज कसते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्हें जनता के बीच जाकर विकास समीक्षा यात्रा नहीं बल्कि पश्चाताप यात्रा करनी चाहिए. तेजस्वी ने कहा कि जिस तरीके से नीतीश कुमार ने 2015 में महागठबंधन को मिले जनादेश का अपमान करके भाजपा के साथ सरकार बनाई थी उसके लिए उन्हें जनता के बीच जाकर पश्चाताप करना चाहिए.
विकास समीक्षा यात्रा के दौरान कई जिलों में नीतीश कुमार का भारी विरोध देखने को मिला है और इसी पर तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार को आत्म चिंतन करने की जरूरत है कि आखिर अगर उन्होंने विकास किया है तो उसके बावजूद भी लोगों के बीच इतना गुस्सा क्यों है?