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सीएम मांझी के दावे पर मंदिर के पुजारी और विधायक ने उठाए सवाल

बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के मंदिर में प्रवेश के बाद इसे धोए जाने के आरोप ने बिहार में नया विवाद खड़ा कर दिया है. मुख्यमंत्री के साथ मंदिर में जाने वाले विधायक ने मांझी के दावों को गलत बताया तो मंदिर के पुजारी और गांववालों ने भी मुख्यमंत्री के दावे पर सवाल उठाए हैं.

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मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी

बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के मंदिर में प्रवेश के बाद इसे धोए जाने के आरोप ने बिहार में नया विवाद खड़ा कर दिया है. मुख्यमंत्री के साथ मंदिर में जाने वाले विधायक ने मांझी के दावों को गलत बताया तो मंदिर के पुजारी और गांववालों ने भी मुख्यमंत्री के दावे पर सवाल उठाए हैं. सीएम के बयान से सूबे की सियासत भी गरमा गई है.

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रविवार को मांझी ने दलितों के एक कार्यक्रम यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि मधुबनी के जिस मंदिर में उपचुनाव के दौरान उन्होंने पूजा-अर्चना की, उस मंदिर को बाद में न सिर्फ मंदिर बल्कि मूर्ति को भी धोया गया. हालांकि, मुख्यमंत्री के इस दावे पर सबसे पहला सवाल उन्हीं की पार्टी जेडी(यू) के उस विधायक ने उठा दिया जो मंदिर में मांझी के साथ थे.

विधान परिषद सदस्य विनोद सिंह ने कहा, 'वहां ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. मुख्यमंत्री उपचुनाव के दौरान पहली बार मधुबनी गए थे और मिथिला के लोगों उन्हें काफी सम्मान दिया और उनका स्वागत किया. सीएम ने मंदिर में पूजा अर्चना भी की.' विधायक के मुताबिक जब सीएम मंदिर परिसर पहुंचे तो स्थानीय लोगों बैंड बाजे से उनका स्वागत किया. मंदिर के मुख्य पुजारी ने मंत्रोच्चार के साथ विधि‍-विधान से पूजा कराई. पुजारी ने सीएम को प्रसाद दिया और फिर वो सभा में चले गए. विनोद सिंह का कहना है, 'मुख्यमंत्री को किसी ने गलत जानकारी दी है. मैं पटना जाकर उनसे मिलकर सही जानकारी दूंगा.'

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सीएम के दावे की सच्चाई जानने के लिए 'आज तक' की टीम भी मौके पर पहुंची. वहां मौजूद गांववालों और मंदिर के पुजारी ने मुख्यमंत्री के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने सीएम पर राजनीति करने का आरोप भी लगा दिया. इनका कहना था कि मुख्यमंत्री के दौरे के बाद मंदिर तो जरूर धोया गया लेकिन मंदिर धोने की जो परिभाषा मुख्यमंत्री दे रहे हैं वे सही नहीं हैं. दरअसल मंदिर रोज सुबह-शाम धोया जाता रहा है. किसी भी मंदिर की यही परंपरा रही है. यहां भी यही हुआ जिसे मुख्यमंत्री गलत तरीके से पेश कर रहे हैं. सीएम के इस रवैये गांववाले नाराज हैं.

मंदिर के पुजारी अशोक झा कहते हैं, 'मुख्यमंत्री ने जैसा कहा है कि उनके जाने के बाद मंदिर को गंगा जल से धोया गया, यह गलत है. मंदिर में कोई पत्थर की मूर्ति नहीं है बल्क‍ि मिट्टी का एक पिंड है जिसे धोया ही नहीं जा सकता. वैसे भी सुबह चार बजे और शाम पांच बजे रोज मंदिर धोया जाता है लेकिन मुख्यमंत्री ने पूजा की इसलिए मंदिर धोया गया, ऐसा नहीं है.'

सीएम के बयान पर सियासत भी गरमाने लगी है. लोजपा सांसद चिराग पासवान ने पहले तो मुख्यमंत्री के साथ हुई इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. साथ ही कहा है कि अगर ऐसी कोई घटना नहीं घटी है तो मुख्यमंत्री को सस्ती राजनीति का सहारा नहीं लेना चाहिए.

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