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Exclusive: इंडियन मुजाहिदीन ने दरभंगा में खड़ा किया आतंक का ट्रेनिंग कैंप

बिहार की राजधानी पटना में नरेंद्र मोदी की रैली के ठीक पहले और रैली के दौरान एक के बाद एक सिलसिलेवार धमाकों ने पटना को ही नहीं, पूरे देश को हिलाकर रखा दिया है. इस मामले में नए खुलासे से हलचल मच गई है.

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आखिर कब थमेगा कोहराम...
आखिर कब थमेगा कोहराम...

बिहार की राजधानी पटना में नरेंद्र मोदी की रैली के ठीक पहले और रैली के दौरान एक के बाद एक सिलसिलेवार धमाकों ने पटना को ही नहीं, पूरे देश को हिलाकर रखा दिया है. इस मामले में अब नए खुलासे से हलचल मच गई है.

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बम धमाकों के बाद तमाम सियासी पार्टियों की प्रतिक्रियाएं आने लगीं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिना देरी किए साफ कर दिया कि आतंकी हमले से इनकार नहीं किया जा सकता. दरअसल, बिहार के दरभंगा से एक के बाद एक आईएम के आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद तो नीतीश कुमार को भी इस बात का अंदाजा हो चुका था कि बिहार में आतंक बड़े पैमाने पर अपना पैर पसार चुका है.

आजतक आपके सामने ला रहा है वो रिपोर्ट, जिसे देखकर किसी के भी पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाए. आजतक हाथ लगी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जांच एजेंसियों के हत्थे चढ़ा इंडियन मुजाहिदीन का सरगना यासीन भटकल और पटना सीरियल ब्‍लास्‍ट का मास्टरमाइंड माना जा रहा तहसीन उर्फ सोनू- दोनों ने मिलकर बिहार के दरभंगा में आतंक का ट्रेनिंग कैंप खोल रखा था.

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दरभंगा से एनआईए के हत्थे चढे़ दानिश ने खुलासा किया था कि यासीन भटकल और तहसीन, दोनों ने मिलकर बिहार और झारखंड से कई लड़कों को आतंक के लिए उकसाया है. ऐसे लोगों को दरभंगा में बम बनाने से लेकर हथियार चलाने तक की ट्रेनिंग दी जा रही है.

एनआईए ने 17 जुलाई, 2013 को दिल्ली के पटियाला कोर्ट में एक रिपोर्ट दी. आजतक के हाथ लगी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि आईएम के आतंकी यासीन भटकल, वकास और पटना ब्लास्ट का मास्टरमाइंड माना जा रहा तहसीन, दरभंगा में ट्रेनिंग कैंप चलाते थे.

दरभंगा के ट्रेनिंग कैंप में जांच एजेंसियों को गच्चा देते हुए आईएम के बिहार और झारखंड के लड़कों को हथियार चलाने की, बम बनाने की ट्रेनिंग दी जाती थी. सिर्फ बम बनाने की ही नहीं, बल्कि बम बनाने के बाद बकायदा सुनसान इलाकों में बम ब्‍लास्‍ट करके भी दिखाया जाता था.

आजमगढ़ मॉड्यूल के तमाम आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसियों को लगने लगा था कि आईएम का खात्मा हो चुका है. लेकिन यासीन भटकल, रियाज भटकल और इकबाल भटकल नाम बदलकर बिहार के दरभंगा पहुंच चुके थे और 'प्लान बी' यानी बिहार में टेरर की नई टीम बना रहे थे.

यासीन भटकल की गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसियों ने राहत की सांस ली और सोचा कि अब आईएम हिंदुस्तान में लगभग खत्म हो चुका है. लेकिन यासीन के बाद बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले तहसीन, जो यासीन भटकल का करीबी है और कई बम धमाकों का आरोपी भी है, लाखों के ईनामी इस आतंकी को इंडियन मुजाहिद्दीन का नया कमांडर बना दिया गया.

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तहसीन ने कमान संभालते ही उसी दरभंगा के टेरर कैंप में ट्रेनिंग पा चुके लड़कों का बिहार के पटना में मोदी की रैली में ऐसा इस्तेमाल किया कि जांच ऐजेंसियों के पसीने छूट गए.

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