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मौत का विक्रमशिला पुल! रात होते ही यहां होने लगते हैं एक्सीडेंट, हर रोज गुजरते हैं हजारों वाहन

बिहार के भागलपुर में बने विक्रमशिला पुल से गुजरने वाले लोगों को हमेशा ही एक्सीडेंट होने का डर बना रहता है. दरसअल, साल 2001 में बने इस पुल का मेंटेनेंस ठीक से नहीं हो रहा है. पुल पर लगी स्ट्रीट लाइट बंद हैं. जिसके कारण रात के समय सबसे ज्यादा एक्सीडेंट हो रहे हैं.

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विक्रमशिला सेतु.
विक्रमशिला सेतु.

बिहार के भागलपुर में बना विक्रमशिला सेतु (पुल) अंधेरे में है. पुल पर छाया अंधेरा लोगों की मौत का कारण बन रहा है. पूर्वी बिहार को सीमांचल से जोड़ने वाला लाइफलाइन विक्रमशिला सेतु से अगर किसी को गुजरना हो तो उसे डर ज्यादा लगता है. क्योंकि लोगों को हमेशा यहां पर एक्सीडेंट होने का डर बना रहता है. 

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नवगछिया से भागलपुर आने वाले और भागलपुर से नवगछिया की ओर जाने वाले लोग आने-जाने के सबसे जयादा इसम का उपयोग करते हैं. मगर, सहूलियत के लिए बना यह पुल उन्हीं लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. 

सर्दी बढ़ने कारण कोहरा छाया रहने लगा है. रात के अंधेरे में पुल पर चलना ज्यादा मुश्किल भरा है. पुल पर मौजूद स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी हुई हैं. लोगों को मजबूरन अपनी गाड़ी की रोशनी में ही आगे बढ़ना पड़ता है. 

एनएच विभाग की लापरवाही से अभी तक सैकड़ों मौत

दरअसल, विक्रमशिला पुल की देखभाल का जिम्मा एनएच विभाग के पास है. सेतु पर लगे सौ से अधिक स्ट्रीट लाइट खराब हो चुकी हैं. भागलपुर की ओर से नवगछिया जाने पर एक भी लाइट जलती नहीं दिखती.

सर्दी के दौरान कोहरा होने के कारण रात के समय पुल पर चलना जान जोखिम में डालने के जैसा है. पुल से 25 से 30 हजार वाहन हर रोज गुजरते हैं, लेकिन पुल का रख रखाव उस हिसाब से नहीं किया जा रहा है.

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बीते 3 वर्षों से विक्रमशिला पुल पर लगी स्ट्रीट लाइट खराब हैं फिर भी जिम्मेदारों को कुछ नजर नहीं आ रहा है. पुल पर होने वाली दुर्घटनाओं में लोगों की मौत होती है, लेकिन स्थानीय प्रशासन और एनएच पुल की अव्यवस्थाओं के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार बताते हैं. 

डीएम ने कहा- विभाग को लिखा जाएगा पत्र

डीएम सुब्रत सेन ने कहा कि स्थानीय स्तर पर प्रयास कर कुछ लाइट को जलवाया था. पहले पुल निर्माण निगम की ओर से इसका रखरखाव होता था तो सहूलियत होती थी. एनएच के स्तर से विभाग को पत्राचार भेजा जा रहा है . वहां से स्वीकृत होती है तो लाइट और साफ सफाई का काम करवाया जाएगा.


राबड़ी देवी ने किया था विक्रमशिला पुल का उद्घाटन

बता दें कि इस पुल का उद्घाटन साल 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने किया था. पुल बनने के बाद 2018 में 14 करोड़ की लागत से इसकी मरम्मत की गयी थी, लेकिन इसके बाद फिर इसका मेंटेनेंस का काम नहीं हुआ. पहले पुल निर्माण निगम को इसके मेंटेनेंस का जिम्मा था. साल 2022 में एनएच अथॉरिटी को जिम्मेदारी सौंपी गई. फिर भी मेंटेनेस नहीं हो रहा है.

(रिपोर्ट - निभाष मोदी)

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