scorecardresearch
 

चारा घोटाले के वो तीन मामले जिनमें लालू को हो चुकी सजा

मालूम हो कि फिलहाल चारा घोटाले के देवघर कोषागार मामले में लालू यादव पहले ही साढ़े तीन साल की सजा काट रहे हैं. वे रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद है. अब कहा जा रहा है कि चाईबासा मामले में भी दोषी पाए जाने के बाद उन्हें बेल मिलना मुश्किल होगी.

Advertisement
X
लालू प्रसाद यादव.
लालू प्रसाद यादव.

Advertisement

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के तीसरे मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है. यह मामला चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ रुपये के अवैध निकासी का है. हालांकि, अब तक सजा का ऐलान नहीं हुआ है.

इस मामले में कोर्ट में बहस दस जनवरी को ही पूरी हो गई थी. लेकिन अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया था. जिसे बाद आज कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए लालू यादव को दोषी करार दिया है.

मालूम हो कि फिलहाल चारा घोटाले के देवघर कोषागार मामले में लालू यादव पहले ही साढ़े तीन साल की सजा काट रहे हैं. वे रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद है. अब कहा जा रहा है कि चाईबासा मामले में भी दोषी पाए जाने के बाद उन्हें बेल मिलना मुश्किल होगी.

Advertisement

चारा घोटाले के तीन मामले जिनमें लालू को हुई सजा...

पहला मामला:

लालू प्रसाद यादव को साल 2012 में 900 करोड़ रुपये के चारा घोटाले में चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, 70 लाख रुपये की अवैध ढंग से निकासी मामले में दोषी पाया गया था. चारा घोटाले में यह लालू की पहली सजा थी.

सजा:

चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, 70 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में लालू यादव को 5 साल की सजा हो चुकी है. इस समय उन्हें सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में जमानत मिली है.

दूसरा मामला

नौ सौ पचास करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मामले में बिहार के भी लालू प्रसाद यादव दोषी पाए गए थे.

क्या हुआ इस मामले में?

इस मामले में लालू यादव को साढ़े तीन वर्ष की कैद एवं दस लाख जुर्माने की सजा सुनाई गई. फिलहाल इसी मामले को लेकर वो रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद है.

तीसरा मामला

लालू यादव पर बिहार के मुख्यमंत्री रहते हुए चाईबासा कोषागार से 1992-93 के दौरान 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के आरोप थे. इस मामले में 2001 में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी. जिसमें लालू प्रसाद और डॉ. जगन्नाथ मिश्र के अतिरिक्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के तीन सेवा निवृत्त अधिकारी, छह पशुपालन अधिकारी, तत्कालीन कोषागार अधिकारी और 40 सप्लायर शामिल आरोपी थे.

Advertisement

क्या हुआ मामले का?

इस मामले में करीब 16 साल से ज्यादा समय तक सुनवाई हुई. आखिरकार लालू यादव इस मामले में भी दोषी करार दिए गए हैं. हालांकि, अब तक इस मामले में सजा नहीं हुई है.  

कब सामने आया था चारा घोटाला...

जनवरी 1996 में पहली बार करीब 950 करोड़ रुपए का चारा घोटाला सामने आया था. जांच में यह सामने आया था कि 1990 के दशक में सरकारी ट्रेजरी से चारा सप्लाई के नाम पर ऐसी कंपनियों को पैसे जारी कर दिए गए जिनका अस्तित्व था ही नहीं. उस वक्त बिहार के सीएम लालू प्रसाद यादव थे. उन पर आरोप था कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी ट्रेजरी से करोड़ों की रकम निकलवाई. यही नहीं उन्होंने मामले की इन्क्वायरी के लिए आई फाइल को भी अटकाए रखा.

Advertisement
Advertisement