राजनीति में कब क्या हो जाए, इसे लेकर कोई कुछ नहीं कह सकता. बिहार में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला. बिहार में बीते तीन दिन में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ. इसके सूत्रधार नीतीश कुमार रहे. खास बात ये है कि इस उलटफेर से पहले भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार थे, अब भी वे ही सीएम होंगे. लेकिन साथी बदल गए. नीतीश कुमार ने बीजेपी से नाता तोड़कर, राजद-कांग्रेस वाले महागठबंधन का दामन थाम लिया.
नीतीश कुमार आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. तेजस्वी यादव दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बनेंगे. राज्यपाल फागू चौहान राजभवन में 2 बजे नीतीश कुमार को सीएम पद की शपथ दिलाएंगे. नीतीश कुमार 22 साल में 8वीं बार बिहार के सीएम पद की शपथ लेंगे. बिहार में पिछले 3 दिन में जो कुछ हुआ, वह न सिर्फ राज्य की दिशा बल्कि पार्टियों के भविष्य को भी तय करेगा. आईए जानते हैं कि आखिर पिछले तीन दिन में क्या क्या हुआ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 7 अगस्त को हुई नीति आयोग की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल नहीं हुए थे. यह 1 महीने में चौथा मौका था, जब नीतीश कुमार केंद्र सरकार के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे. इसके बाद अफवाहों का बाजार गर्म हो गया. कयास लगाए जाने लगे कि नीतीश कुमार बीजेपी से दूरी बना रहे हैं. वे जल्द ही बीजेपी के साथ अपना नाता तोड़कर आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं. हालांकि, जदयू और बीजेपी की ओर से कोई बयान नहीं आया.
नीतीश कुमार के बीजेपी से गठबंधन तोड़ने की चर्चा के बीच राज्य की सभी पार्टियां एक्टिव हो गईं. जहां नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने विधायकों, एमएलसी और सांसदों की 9 अगस्त को बैठक बुलाई. वहीं, आरजेडी, कांग्रेस, हम और लेफ्ट पार्टियां भी एक्टिव मोड में आ गईं. सभी ने अपने नेताओं, विधायकों और सांसदों से पटना रहने को कहा. इसके बाद 9 अगस्त को सभी पार्टियों ने बैठक बुलाई.
उधर, बीजेपी वेट एंड वॉच की स्थिति में बनी रही. बीजेपी के नेता यह कहते रहे कि राज्य में एनडीए में सब कुछ ठीक चल रहा है. जदयू और बीजेपी की सरकार 2025 तक का कार्यकाल आसानी से पूरा करेगी.
नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी से की बात
उधर, सोमवार को दोपहर होते होते खबर आने लगी कि सीएम नीतीश कुमार ने कांग्रेस नेतृत्व से संपर्क किया है. हालांकि, यह जानकारी सामने नहीं आई कि नीतीश कुमार ने सीधे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात की है या नहीं. उधर, कांग्रेस ने अपने नेताओं से पटना में रहने के लिए कह दिया.
बीजेपी ने नीतीश कुमार को मनाने की कोशिश की
नीतीश कुमार की नाराजगी की खबरों के बीच बीजेपी नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश भी की. बताया जा रहा है कि कई बीजेपी नेताओं ने नीताश कुमार से फोन पर बात की और उन्हें गठबंधन जारी रखने के लिए कहा. लेकिन नीतीश कुमार नहीं माने. खबर ये भी है कि रविवार देर रात गृह मंत्री अमित शाह ने भी फोन पर नीतीश कुमार से बात की. लेकिन वे भी उन्हें नहीं मना पाए.
उपेंद्र कुशवाहा बोले- All is well
इसी बीच जदयू के नेता उपेंद्र कुशवाहा का बयान सामने आया. उन्होंने कहा कि बिहार में अभी सब कुछ ठीक चल रहा है. बीजेपी और जदयू का गठबंधन है. उन्होंने कहा, बिहार में एनडीए गठबंधन में सब कुछ ठीक है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन कब चलेगा ये वह नहीं बता सकते. क्यों कि वे भविष्यकर्ता नहीं हैं. इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को पीएम मटेरियल भी बता दिया.
अब बिहार में बैठकों का सिलसिला शुरू हुआ. जदयू ने विधायकों, एमएलसी और सांसदों की बैठक बुलाई. ये बैठक नीतीश कुमार के आवास पर हुई. इस दौरान नीतीश कुमार ने अपने नेताओं से कहा कि बीजेपी ने हमें कमजोर करने की कोशिश की, हर मौके पर हमें अपमानित किया. इस दौरान जदयू के नेताओं ने नीतीश कुमार पर भरोसा दिखाया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जो भी फैसला लेंगे, सभी उसका समर्थन करेंगे. बैठक में बीजेपी के साथ नाता तोड़ने का भी फैसला हो गया.
उधर, पटना में राबड़ी देवी के आवास पर राजद नेताओं की बैठक हुई. इस दौरान राजद नेताओं ने कहा कि तेजस्वी यादव जो फैसला करेंगे, वे सभी उसका समर्थन करेंगे. इतना ही नहीं राबड़ी देवी के आवास पर कांग्रेस और लेफ्ट के विधायक भी पहुंचे और उन्होंने समर्थन का पत्र तेजस्वी यादव को दिया.
नीतीश कुमार ने दिया इस्तीफा
इसके बाद नीतीश कुमार ने शाम चार बजे राज्यपाल से मिलने का समय मांगा. नीतीश कुमार ने शाम 4 बजे राज्यपाल से मिल अपना इस्तीफा सौंपा. इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि सब लोगों की इच्छा थी कि बीजेपी से अलग हो जाना चाहिए. विधायकों और सांसदों की सहमति के बाद फैसला लिया.
इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार ने राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से उनके आवास पर मुलाकात की. इस दौरान नीतीश ने कहा, अब बिहार में फिर से साथ में काम किया जाएगा. 2017 में महागठबंधन छोड़ने पर उन्हें भी अफसोस है. तेजस्वी ने इस दौरान नीतीश को समर्थन वाली चिट्ठी दी.
इसके बाद नीतीश कुमार को महागठबंधन का नेता चुन लिया गया है. नेता चुनने के बाद नीतीश कुमार ने कहा है कि अब वे नई शुरुआत करने जा रहे हैं. इसके बाद नीतीश, तेजस्वी यादव के साथ राजभवन पहुंचे और सरकार बनाने का दावा पेश किया.
बीजेपी ने साधा निशाना
बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने नीतीश कुमार के पाला बदलने पर निशाना साधा. उन्होंने इसे सीधे-सीधे बिहार की जनता द्वारा दिए गए जनादेश का अपमान बताया. उनके मुताबिक बिहार की जनता ने एनडीए के पक्ष में वोट डाले थे. उन्हें सरकार बनाने का मौका मिला था. लेकिन नीतीश ने धोखा देकर फिर महागठबंधन से हाथ मिला लिया.
आज शपथ लेंगे नीतीश कुमार
नीतीश कुमार आज 8वीं बार बिहार के सीएम पद की शपद लेंगे. वे 2000 में पहली बार सीएम बने थे. तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे. बताया जा रहा है कि तीन से 5 मंत्री भी इनके साथ शपथ ले सकते हैं. बिहार में सरकार गठन का फॉर्मूला भी तय हो गया है. गृह मंत्रालय समेत जदयू के पास वे सब मंत्रालय रहेंगे, जो पहले उनके पास थे. बीजेपी के पास जो मंत्रालय थे, वे आरजेडी और कांग्रेस के खाते में जाएंगे. जबकि जीतन राम मांझी के पास मंत्रालयों में कोई बदलाव नहीं होगा.