पूरे देश में 8 नवंबर से नोटबंदी लागू होने के बाद नगदी की किल्लत से लोग परेशान हैं. ऐसे में बिहार की राजधानी पटना के तीन इलाकों को पूरी तरह से कैशलेश बनाकर देश के सामने एक नजीर पेश करने की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है. उम्मीद है कि 15 दिसंबर से पटना के ये तीन इलाके देश का पहला इलाका होगा जो पूरी तरह से कैशलेश होगा, ऐसी स्थिति में इस इलाके लोग पूरी तरह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने में दीप जलाने का काम करेंगे. रोजमर्रा के सारे काम और जरुरत के सारे सामानों की खरीददारी कैशलोग होगी.
पटना के तीन इलाकों को कैशलेश बनाने की पहल बैंक ऑफ बरौदा के अधिकारियों द्वारा की गयी है और वो इस काम को पूरा करने में दिन-रात लगे हैं. बैंक के अधिकारियों का कहना है कि 15 दिसंबर तक पटना के तीन इलाकों को पूरी तरह से डिजिटल बना दिया जाएगा. पटना के कुर्जी स्थित बिंद टोला के साथ-साथ तीन गांवों में शुक्रवार को विधिवत इसकी शुरुआत की जाएगी. पहले चरण में कुर्जी के बिंद टोला, मनेर के बस्ती और बिहटा के परसा गांव को डिजिटल बनाने की योजना है.
पटना के इन तीन गांवों में वहां रहने वाले लोगों को डेबिट कार्ड, मोबाइल बैंकिंग, मोबाइल वॉलेट, इंटरनेट बैंकिंग के साथ कैशलेश संबंधित और जानकरियां देने के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाया जाएगा. बैंक द्वारा इन इलाकों में प्रायप्त संख्या में एटीएम भी लगाने की योजना है. साथ ही वैसे लोग जिनके खाते बैंको में नहीं है उनके खाते खोलने की भी शुरुआत कर दी गयी है.
बैंक ऑफ बरौदा के उप महाप्रबंधक विभूति कुमार सिन्हा ने बताया कि बिहार में पहली बार किसी बैंक द्वारा ये पहल की गयी है. उन्होंने कहा कि पटना के ये तीन गांव 15 दिंसबर से पूरी तरह कैशलेश हो जाएगा. इसके अलावा जल्द ही बिहार के अन्य आठ गांव को भी कैशलेश बनाने की योजना की रुपरेखा तैयार की जा चुकी है.