बिहार में इस वक्त एक दर्जन जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. बाढ़ का असर कोरोना वैक्सीनेशन अभियान पर भी पड़ रहा है. राज्य के हजारों गांव में पानी भरने के चलते वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी हो गई है. ऐसे में बिहार सरकार ने इस अभियान को तेजी देने के लिए नई पहल शुरू की है. सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलों में 'टीका वाली नाव' चलाई है.
टीका वाली नाव चलाने के पीछे सरकार का उद्देश्य है कि बाढ़ से प्रभावित इलाकों में वैक्सीनेशन फिर से शुरू किया जा सके. अभी टीका वाली नाव का संचालन मुजफ्फरपुर, मोतिहारी और गोपालगंज जैसे जिलों में शुरू किया गया है.
भवानीपुर पहुंची आजतक की टीम
आजतक की टीम सोमवार को मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड पहुंची और यहां ऐसी ही एक टीका वाली नाव पर बैठकर बाढ़ ग्रसित भवानीपुर गांव पहुंची. इस नाव में एक डॉक्टर, दो नर्स और कुछ एनजीओ के लोग गांव गांव तक वैक्सीन लेकर पहुंच रहे हैं. इनका उद्देश्य हर रोज 200 टीके लगाने का है.
कटरा प्रखंड के मेडिकल अधिकारी डॉ कृष्ण गोपाल ने बताया कि हम लोगों का टारगेट है कि रोजाना 200 लोगों को टीका लगाया जाए. लोग बाढ़ की वजह से स्वास्थ्य केंद्रों पर नहीं पहुंच पा रहे हैं, इसी वजह से टीका वाली नाव सेवा शुरू की गई है.
नाव देखकर उमड़ पड़ी भीड़
जब नाव भवानीपुर गांव पहुंची, तो टीका लगवाने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए. इसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने कैंप लगाया और जिन लोगों ने टीका के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था, उनका वेरिफिकेशन करके उन्हें वैक्सीन लगानी शुरू कर दी.
टीका वाली नाव से हुआ फायदा
भवानीपुर गांव के निवासी अनिल कुमार राय ने कहा, हमारे गांव तक टीका वाली नाव के पहुंचने से बहुत फायदा हुआ. बाढ़ की वजह से हम स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं पहुंच पा रहे थे और टीका लेने से वंचित हो गए थे मगर अब हम लोगों ने टीका लगवा लिया है. टीका वाली नाव के गांव पहुंचने की वजह से जो लोग टीका नहीं लगवाना चाहते थे, उन्होंने भी टीका लगवा लिया. यह सरकार की अच्छी पहल है.