बिहार की बेटी रिमझिम कुमारी कल तक जहां अपनी सुरक्षा को लेकर परेशान रहती थी, वहीं अब वह दूसरों को सुरक्षा देने के लिए तैयार हैं. दरअसल, रिमझिम 580 महिलाओं से सुसज्जित उस पहली बटालियन की सदस्य हैं जिसने पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान में ब्रास बैंड पर कदम से कदम मिलाकर मार्च पास्ट किया.
हाथ में रायफल और पुलिस की वर्दी में राज्य व राष्ट्र की सेवा करने के लिए मिले मौके को गौरव बताते हुए रिमझिम कहती हैं कि वह अन्य लड़कियों को भी पुलिस सेवा में आने के लिए प्रेरित करेंगी.
ऐसा नहीं कि गया के जयपुर की रहने वाली रिमझिम को ही यह गौरव मिला है. जयश्री कुमारी, मीरा सिन्हा, राखी कुमारी, संध्या राय जैसी बिहार की 580 ऐसी बेटियां हैं, जिन्हें बिहार सैन्य बल (बीएमपी) की पहली महिला बटालियन में शामिल होने का गौरव प्राप्त हुआ है.
महिला बटालियन में शामिल मीरा सिन्हा ने कहा, ‘पुलिस की नौकरी में आकर बहुत खुशी हो रही है. इस सेवा में आने से मेरा जीवन सफल हो गया. मेरी इस उपलब्धि से परिवार ही नहीं, सभी रिश्तेदार भी खुश हैं. अब तो राष्ट्र सेवा ही मेरा कर्तव्य है. आज हम न केवल सशक्त, बल्कि सक्षम और सबल भी बने हैं.’
पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान बिहार के एक और इतिहास का साक्षी बन गया, जब राज्य की पहली महिला बटालियन की महिला जवानों ने ब्रास बैंड पर कदम से कदम मिलाकर मार्च पास्ट किया. वर्दी में सजी बेटियों को देखकर उनके परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए.
महिला बटालियन में शामिल सोनी कुमारी का भाई पिछली बार सिपाही बहाली में भले ही फेल हो गया, लेकिन अब अपनी बहन को पुलिस वर्दी में देखकर उसे गर्व हो रहा है. उसकी आंखों में जहां बहन के लिए खुशी के आंसू थे, वहीं आने वाली पुलिस परीक्षा में सफल होने का संकल्प भी था.
बिहार के पुलिस महानिदेशक अभयानंद ने बताया कि बटालियन में शामिल महिला पुलिसकर्मियों को विशेष पुलिस अभियान में शामिल करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन महिला जवानों को विपरीत परिस्थितियों में अपराधियों से मुकाबला करने, भीड़ नियंत्रण, संगठित अपराध के खिलाफ मोर्चा लेने और थानों में तैनाती के दौरान अपराध अनुसंधान से सम्बंधित विभिन्न प्रकार के 290 दिनों के प्रशिक्षण दिए गए हैं.
इन 580 महिला जवानों में 73 मैट्रिक, 151 बारहवीं, 312 स्नातक और 44 स्नातकोतर हैं. इस बटालियन में कुल 19 टुकड़ियां हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि पुलिस सेवा में एक पूरी महिला बटालियन का शामिल होना महिला सशक्तीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.
बटालियन में शामिल सभी महिलाएं प्रशिक्षित हैं, जिन्हें हथियार चलाने से लेकर अभियान में शामिल होने तक का प्रशिक्षण दिया गया है. नीतीश ने कहा, ‘वर्ष 2006 में जब महिला बटालियन के गठन की कल्पना की गई थी, तो लोगों को आशंका थी कि इतनी तादाद में महिलाएं मिलेंगी भी नहीं, लेकिन यह कल्पना निराधार सबित हुई. राज्य ने महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में एक और कदम जोड़ लिया है.’