कोरोना की तीसरी लहर से पहले बच्चों के वैक्सीन पर काम शुरू हो गया है. भारत बायोटेक की को-वैक्सीन का बच्चों पर ट्रायल पटना के एम्स में शुरू हुआ है. जानकारी के मुताबिक, 2 जून को पटना एम्स में बच्चों के ऊपर को-वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया गया, जिसके अंतर्गत तीन बच्चों को पहले दिन इस वैक्सीन की पहली डोज़ दी गई.
बच्चों पर को-वैक्सीन के ट्रायल के लिए पहले दिन 15 बच्चे पहुंचे थे, जिनमें से 3 बच्चों को पहली डोज़ लेने के लिए फिट पाया गया. ट्रायल के लिए जितने बच्चे पहुंचे थे, उनका सबसे पहले आरटी पीसीआर और एंटीबॉडी की जांच की गई और 3 बच्चों को पूरी तरीके से सामान्य पाए जाने के बाद ही उनको वैक्सीन की पहली डोज दी गई.
इन तीनों बच्चों को पहली डोज देने के बाद उनकी 2 घंटे तक उनकी सेहत का अवलोकन किया गया, जिसमें किसी बच्चे पर भी वैक्सीन का दुष्प्रभाव नहीं दिखा. नियमों के मुताबिक इन तीन बच्चों को को वैक्सीन की अगली डोज़ 28 दिनों के बाद दी जाएगी.
पटना एम्स में बच्चों के ऊपर को-वैक्सीन का ट्रायल जो शुरू हुआ है ,उसकी निगरानी पटना एम्स के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ चंद्रमणि सिंह कर रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, पटना एम्स में अगले कुछ दिनों में 2 से 18 वर्ष की आयु के 100 बच्चों को वैक्सीन के ट्रायल में शामिल करने का टारगेट तय किया है.
आपको बता दें कि देश के अलग-अलग सेंटर्स पर 2 से 18 साल के बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो गया है. भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का बच्चों पर दूसरे और तीसरे फेज का ट्रायल जून में शुरू होगा. ये जुलाई के मध्य में जाकर खत्म होगा. भारत बायोटेक के सूत्रों के मुताबिक, ट्रायल में सबसे कम उम्र का बच्चा 2 वर्षीय होगा.
तीसरी लहर की चेतावनी के बीच भारत सरकार ने कोवैक्सीन के ट्रायल की मंजूरी दी थी. ये देश के कुल 525 बच्चों पर किया जाएगा, जिसमें दिल्ली, पटना के एम्स समेत कई बड़े अस्पताल शामिल होंगे. ट्रायल के दौरान वैक्सीन की दो डोज़ दी जाएंगी, जिनमें 28 दिनों का अंतर होगा.