बिहार में राज्यसभा की दो सीटों के लिए आगामी 19 जून को होने वाले उपचुनाव को लेकर रणनीति तैयार करने के लिए आज मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के आवास पर बुलाई गयी बैठक में पार्टी के दो दर्जन से ज्यादा विधायकों के शामिल नहीं होने से जेडी(यू) की परेशानी बढ़ती दिख रही है.
पटना के एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर मंगलवार शाम 6.30 बजे निर्धारित इस बैठक में शामिल होने वाले विधायकों की संख्या का जेडी(यू) की ओर से अधिकृत बयान नहीं आया है लेकिन सूत्रों ने इस बैठक में करीब दो दर्जन विधायकों के अनुपस्थित होने की बात कही है. जेडी(यू) के बागी विधायकों में शामिल ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने दावा किया कि विरोध स्वरूप जेडी(यू) विधायक दल की बैठक में 33 पार्टी विधायकों ने भाग नहीं लिया. ज्ञानेंद्र भी इस बैठक में शामिल नहीं हुए.
ज्ञानेंद्र ने यह भी दावा किया कि पार्टी के जिन विधायकों ने बैठक में भाग लिया, उनमें से कई उनके साथ हैं और वे आगामी 19 जून को राज्यसभा की दो सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में उनका साथ देंगे.
जेडी(यू) की इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित पार्टी के अन्य नेताओं ने भाग लिया. बागी विधायकों में शामिल एक अन्य प्रमुख विधायक ने अपना नाम खुलासा नहीं किए जाने पर कहा कि वह अभी भी जेडी(यू) में हैं पर पार्टी के भीतर अनुशासन की कमी के विरोधस्वरूप वह बैठक में शामिल नहीं हुए.
उन्होंने कहा कि जेडी(यू) के कर्मठ कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर दल बदलुओं को मंत्री बनाया गया है और उनकी पार्टी बिहार के हित की रक्षा का दावा करती है लेकिन उत्तर प्रदेश के पवन वर्मा और गुलाम रसूल बलियावी को राज्यसभा के इस उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया गया है.
इस बीच, मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा बिहार विधानसभा सचिव को सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले की प्रति भेजी गई है, जिसमें विधायकों को स्वतंत्र मतदान की आजादी दिए जाने की बात कही गई है. बिहार विधानसभा सचिव तथा राज्यसभा उपचुनाव के निर्वाचन अधिकारी हरेराम मुखिया ने बताया कि उक्त प्रति को सदन के नोटिस बोर्ड पर लगा दिया गया है और सभी दलों के नेताओं को उसकी एक-एक प्रति भेज दी गई है.